बिहार में पोस्टर वार: ‘बंटोगे तो कटोगे’ पर RJD का जवाब, ‘भाजपा से सटोगे तो कटोगे’
Bihar News: बिहार में विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर सियासी तापमान तेजी से बढ़ रहा है। सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच जुबानी जंग शुरू हो चुकी है और अब पोस्टर वार ने भी सियासी संघर्ष को नया मोड़ दे दिया है।
हाल ही में संपन्न हुए चार विधानसभा सीटों के उपचुनावों के बाद से ही बिहार की राजनीति में गर्मी आ गई है।
बीजेपी का ‘बंटोगे तो कटोगे’ नारा, आरजेडी का पलटवार ‘भाजपा से सटोगे तो कटोगे
भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने आगामी चुनावों के लिए ‘बंटोगे तो कटोगे’ का नारा देते हुए चुनावी मैदान में उतरी है। वहीं, राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने भी पलटवार करते हुए ‘भाजपा से सटोगे तो कटोगे’ का नारा बुलंद किया है, जिससे राज्य की सियासत और भी गरम हो गई है।
पटना में आरजेडी का पोस्टर हमला
पटना की सड़कों पर अब आरजेडी ने भाजपा पर हमला बोलते हुए पोस्टर लगवाए हैं। इन पोस्टरों में बीजेपी पर अपने सहयोगियों और जनता के साथ धोखा करने का आरोप लगाया गया है। आरजेडी प्रवक्ता और पूर्व विधायक ऋषि मिश्रा द्वारा लगाए गए इन पोस्टरों में साफ लिखा गया है कि ‘भाजपा से सटोगे तो कटोगे’। यह पोस्टर बीजेपी के खिलाफ आरजेडी के तीखे हमले का प्रतीक बन गए हैं।
पार्टी कार्यालय के बाहर भी पोस्टर वार
इससे पहले भी आरजेडी ने अपने पार्टी कार्यालय के बाहर एक पोस्टर लगाया था, जिसमें बीजेपी के ‘बंटोगे तो कटोगे’ नारे का जवाब देते हुए लिखा था, “जुड़े के बा, जीते के बा। 2025 में नियुक्ति मैन तेजस्वी के मुख्यमंत्री बनावे के बा।” यह पोस्टर आरजेडी की चुनावी रणनीति और तेजस्वी यादव के मुख्यमंत्री बनने की मंशा को स्पष्ट रूप से दर्शाता है।
एनडीए का पलटवार: लालू और तेजस्वी को घेरा
पोस्टर वार में एनडीए नेताओं ने भी भाग लिया और लालू यादव और तेजस्वी यादव को निशाना बनाया। इन पोस्टरों में लालू यादव को ‘चारा चोर’ और तेजस्वी यादव को ‘टोटी चोर’ बताया गया था, जिससे सियासी माहौल और भी उग्र हो गया है।
सियासी घमासान जारी
बिहार में पोस्टर वार की यह सियासी जंग अब थमते हुए नहीं दिख रही है। सत्ता और विपक्ष के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला जारी है, और यह देखना अब दिलचस्प होगा कि आगामी दिनों में बिहार की राजनीति किस दिशा में जाती है। कौन सा दल जनता का दिल जीतने में सफल होता है, यह आने वाला समय ही बताएगा। बिहार में इस पोस्टर वार के बाद राजनीतिक रणनीतियों और जनता के समर्थन के लिए दोनों प्रमुख दलों के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिल सकता है।