सीएम सुक्खू बोले- नौ माह के भीतर पात्र विधवाओं को देंगे करुणामूलक आधार पर नौकरियां
सीएम सुक्खू बोले- नौ माह के भीतर पात्र विधवाओं को देंगे करुणामूलक आधार पर नौकरियां
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि नौ माह के भीतर पात्र युवा विधवाओं को करुणामूलक आधार पर नौकरियां दी जाएंगी। कांग्रेस सरकार के इस कार्यकाल में सभी लंबित आवेदन निपटाए जाएंगे। भर्ती नियमों में बदलाव कर रहे हैं। द्वितीय और तृतीय श्रेणी में भी नौकरियां देने का विचार है।
बुधवार को विधानसभा के मानसून सत्र के दूसरे दिन सदन में प्रश्नकाल के दौरान भाजपा के विधायक जनकराज ने करुणामूलक आधार पर नौकरियां नहीं मिलने का मामला उठाया। इस पर सीएम सुक्खू ने कहा कि शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर की अध्यक्षता वाली कैबिनेट सब कमेटी छह माह के भीतर रिपोर्ट जमा करवाएगी। सीएम ने कहा कि एक साल में 180 युवाओं को करुणामूलक नौकरियां दी गई हैं। पूर्व की भाजपा सरकार अपने कार्यकाल में 1,435 नौकरियां नहीं दी सकी। उन्होंने कहा कि नई नीति के लिए विपक्ष के सदस्यों को भी सुझाव देने चाहिएं। आवश्यकता पड़ी तो कमेटी में विपक्ष की ओर से भी सदस्य बनाए जाएंगे।इससे पहले विधायक जनकराज ने कहा कि प्रदेश में करुणामूलक नौकरी के 1,415 से ज्यादा मामले लंबित हैं। करुणामूलक आश्रित 432 दिन से हड़ताल पर बैठे हैं। विधायक रणधीर शर्मा ने कहा कि सरकार को सभी विधायकों से सुझाव लेने चाहिएं। पेंशन को आय नहीं माना जाना चाहिए। पेंशन मिलने से पहले की आय को गिना जाना चाहिए। नेता विपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि 20 माह का कार्यकाल कम नहीं होता है। काम रोकने और संस्थान बंद करने के अलावा कांग्रेस सरकार ने कुछ नहीं किया। जब किसी काम को नहीं करना हो तो कमेटियां बनाई जाती हैं। सरकार को बताना चाहिए कि कर्मचारी की मृत्यु होने के कितने समय बाद करुणामूलक नौकरी देंगे।
जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस कमेटियां बनाकर अमल करवाती है और फैसले लागू करती है। भाजपा ने चुनाव से पहले चतुर्थ श्रेणी में कुछ नौकरियां दीं। हम विचार कर रहे हैं कि शैक्षणिक योग्यता के आधार पर नौकरियां दी जाएं। पेंशन और नौकरी के दोहरे लाभ नहीं दिए जा सकते। सुप्रीम कोर्ट का आदेश है कि मृतक के परिवार को मिलने वाली पेंशन को भी आय में गिना जाए। इन सब मामलों में सुधार लाने के लिए ही सरकार ने कैबिनेट सब कमेटी का गठन किया है।