हिमाचल के लाहौल-स्पीति में भूकंप के झटके, इतनी रही तीव्रता
हिमाचल के लाहौल-स्पीति में भूकंप के झटके
हिमाचल प्रदेश के लाहौल-स्पीति जिले में शुक्रवार सुबह भूकंप दर्ज किया गया। भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 3.2 आंकी गई और इसका केंद्र जमीन के भीतर पांच किलोमीटर की गहराई पर था। भूकंप सुबह करीब 9:45 बजे आया। हालांकि, भूकंप की तीव्रता कम होने के चलते किसी तरह के जानमाल के नुकसान की सूचना नहीं है। बता दें, हिमाचल भूकंप की दृष्टि से सिस्मिक जोन चार और पांच में आता है। कांगड़ा, चंबा, लाहौल, कुल्लू और मंडी भूकंप की दृष्टि से सबसे अति संवेदनशील क्षेत्र हैं। कांगड़ा में 4 अप्रैल, 1905 की अल सुबह आए 7.8 की तीव्रता वाले भूकंप में 20 हजार से ज्यादा इंसानी जानें चली गई थीं। भूकंप से एक लाख के करीब इमारतें तहस-नहस हो गई थीं, जबकि 53 हजार से ज्यादा मवेशी भी भूकंप की भेंट चढ़ गए थे।
कैसे आता है भूकंप?
वेरी लाइट कैटेगरी के भूकंप 3.0 से 3.9 तीव्रता वाले होते हैं, जो एक साल में 49,000 बार दर्ज किए जाते हैं। इन्हें महसूस तो किया जाता है लेकिन शायद ही इनसे कोई नुकसान पहुंचता है। भूकंप के आने की मुख्य वजह धरती के अंदर प्लेटों का टकरना है। धरती के भीतर सात प्लेट्स होती हैं जो लगातार घूमती रहती हैं। जब ये प्लेटें किसी जगह पर आपस में टकराती हैं, तो वहां फॉल्ट लाइन जोन बन जाता है और सतह के कोने मुड़ जाते हैं। सतह के कोने मुड़ने की वजह से वहां दबाव बनता है और प्लेट्स टूटने लगती हैं। इन प्लेट्स के टूटने से अंदर की एनर्जी बाहर आने का रास्ता खोजती है, जिसकी वजह से धरती हिलती है और हम इसे भूकंप मानते हैं।