आईजीएमसी में स्क्रब टाइफस के पांच मामले, लक्षणों के बाद करवाए टेस्ट में पॉजिटिव पाई गई रिपोर्ट
आईजीएमसी में स्क्रब टाइफस के पांच मामले
आईजीएमसी में स्क्रब टाइफस के मामले आना शुरू हो गए हैं। अस्पताल में सोमवार को जांच के बाद पांच मरीजों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। अस्पताल के वरिष्ठ चिकित्सा अधीक्षक डॉ. राहुल राव ने बताया कि सभी मरीजों की हालत में सुधार है। आईजीएमसी में सोमवार को भारी संख्या में मरीज उपचार के लिए अस्पताल आए। मेडिसिन, आर्थो, सर्जरी समेत तमाम ओपीडी में लंबी लाइनें लगी रहीं।सबसे ज्यादा मरीज मेडिसिन ओपीडी में जांच करवाने के लिए आए। ओपीडी के बाहर जब लंबी लाइनें लगी तो मरीजों ने बरामदे में बैठकर अपनी बारी के इंतजार के बाद उपचार किया। इस दौरान जिन मरीजों में बुखार समेत स्क्रब के अन्य लक्षणों का पता चला तो चिकित्सकों ने मरीजों का तुरंत स्क्रब टेस्ट करवाया। उधर, जांच के बाद शिमला और सोलन के पांच मरीजों में स्क्रब टाइफस की पुष्टि पाई गई। बता दें कि ऊपरी शिमला से अधिक मामले देखने को मिलते हैं।
स्क्रब टाइफस के लक्षण
- तेज बुखार, 104 से 105 तक आ सकता है।
- जोड़ों में दर्द और कंपकंपी के साथ बुखार आना।
- शरीर में अकड़न या शरीर टूटा हुआ लगना।
- अधिक संक्रमण में गर्दन, बाजू के नीचे कूल्हों के ऊपर गिल्टियां आती हैं।
बचाव
- सफाई का ध्यान रखें।
- घर और आसपास के वातावरण को साफ रखें।
- घर के चारों ओर घास, खरपतवार नहीं उगने दें।
- कीटनाशक दवाओं का छिड़काव करें।
‘समय रहते इलाज के लिए आएं अस्पताल‘
आईजीएमसी के मेडिसिन विभाग के सहायक प्रो. उष्येंद्र शर्मा ने बताया कि बरसात के मौसम में स्क्रब टाइफस के मामले बढ़ते हैं। मरीज को सांस लेने में परेशानी हो और किडनी की बीमारी से जूझ रहा है तो ध्यान देने की जरूरत है। इससे समस्या और गंभीर हो सकती है। इसके अलावा मरीज पेट में दर्द लगना, भूख न लगने जैसे लक्षणों की अनदेखी न करें और समय रहते उपचार के लिए अस्पताल आएं।