आपदा प्रभावितों के साथ खड़ी हुई सुक्खू सरकार, नौकरी का खोला पिटारा; 1000 पद भरने की मंजूरी
नौकरी का खोला पिटारा; 1000 पद भरने की मंजूरी
प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में मंत्रिमंडल के सदस्यों ने इस वर्ष 1 अगस्त को कुल्लू, मंडी और शिमला जिलों में बादल फटने की घटना में जान गंवाने वाले लोगों को श्रद्धांजलि दी। मंत्रिमंडल ने शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त कीं।
आपदा प्रभावित परिवारों के लिए खास निर्णय
बैठक में आपदा प्रभावित परिवार के लिए महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं। जिन परिवारों का मकान क्षतिग्रस्त हुआ है उनको 1 अगस्त, 2024 से 31 अक्टूबर, 2024 तक तीन महीने की अवधि के लिए शहरी क्षेत्रों में 10 हजार रुपये और ग्रामीण क्षेत्रों में 5 हजार रुपये प्रतिमाह किराये पर आवासीय सुविधा के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करने के साथ-साथ मुफ्त राशन, एलपीजी सिलेंडर, बर्तन और बिस्तर भी उपलब्ध करवाने का निर्णय लिया गया है। इसके अतिरिक्त, प्रभावित परिवारों को 50 हजार रुपये की तत्काल वित्तीय सहायता वितरित की जाएगी।
बैठक में एक हजार पद भरने की स्वीकृति
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में सचिवालय में प्रदेश मंत्रिमंडल की आयोजित हुई बैठक में सरकार ने विभिन्न विभागों में करीब एक हजार पद भरने की स्वीकृति प्रदान की।मंत्रिमंडल ने कांगड़ा जिला के डॉ. राजेंद्र प्रसाद राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय, टांडा में विभिन्न श्रेणियों के 462 पद सृजित करने और आईजीएमसी शिमला और अटल इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल सुपर स्पेशियलिटीज चमियाना में विभिन्न श्रेणियों के 489 पदों को सृजित कर भरने का भी निर्णय लिया गया।
मिनरल नीति में संशोधन से राजस्व बढ़ेगा
मंत्रिमंडल ने हिमाचल प्रदेश माइनर मिनरल (कन्सेशन) एंड मिनरल्स (प्रिवेन्शन आफ इल्लीगल माइनिंग, ट्रांसपोर्टेशन एंड स्टोरेज) नियम, 2015 में संशोधन करने का निर्णय लिया।
नए प्रावधानों के तहत, राज्य में खनन के लिए उपलब्ध उपयुक्त निजी भूमि को भूमि मालिकों की सहमति से खनिजों को निकालने के लिए नीलाम किया जा सकता है, जिसके लिए भूमि मालिकों को वार्षिक बोली राशि का 80 प्रतिशत दिया जाएगा।इसके अतिरिक्त, व्यवस्थित, वैज्ञानिक, सतत खनन को बढ़ावा देने तथा खनिजों की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए नदी तल में खनिज उत्खनन के लिए मशीनरी के उपयोग की अनुमति प्रदान की गई।
रेत और बजरी निकालने की अनुमति का प्रावधान
नदी तल में खनन की गहराई को मौजूदा एक मीटर से बढ़ाकर दो मीटर किया गया है। हर मानसून के मौसम के बाद कृषि क्षेत्रों से दो मीटर की गहराई तक रेत और बजरी निकालने की अनुमति का प्रावधान किया गया है, जिसे गैर-खनन गतिविधि माना जाएगा।
इसके अलावा, नए संशोधनों में इलेक्ट्रिक वाहन शुल्क के रूप में पांच रुपये प्रति टन, ऑनलाइन शुल्क के रूप में पांच रुपये प्रति टन और दूध उपकर के रूप में दो रुपये प्रति टन शुल्क लिया जाएगा। गैर खनन गतिविधियों से प्राप्त सामग्री के उपयोग के लिए, रॉयल्टी का 75 प्रतिशत (140 रुपये प्रति टन) प्रसंस्करण शुल्क सरकार को देना होगा।मंत्रिमंडल ने पुलिस आरक्षियों के पदों की भर्ती प्रक्रिया को हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग के अधिकार क्षेत्र में लाने को स्वीकृति प्रदान की। मंत्रिमंडल ने वार्षिक प्रदर्शन मूल्यांकन रिपोर्ट (एपीएआर) नियम-2024 की अधिसूचना को मंजूरी दी। इसका उद्देश्य कार्य का गुणवत्तापूर्ण मूल्यांकन करना है। नए नियमों के अनुसार डिस्क्रिप्टिव ग्रेडिंग के स्थान पर न्यूमेरिकल ग्रेडिंग के आधार पर हर वर्ष 31 दिसम्बर से पूर्व मूल्यांकन किया जाएगा।
50 हजार किसान प्राकृतिक खेती में शामिल होंगे
राज्य में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए मंत्रिमंडल ने रसायनमुक्त उत्पादन और उत्पाद के प्रमाणीकरण के लिए क्लस्टर आधारित दृष्टिकोण को अपनाते हुए हिम उन्नति योजना को लागू करने का निर्णय लिया है। इस योजना के अंतर्गत लगभग 50 हजार किसानों को शामिल करने के लिए 2600 कृषि समूहों को स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया है।यह योजना कृषि समुदायों की आर्थिकी को मजबूत करने के लिए आवश्यक क्षमता निर्माण प्रशिक्षण और वित्तीय सहयोग प्रदान करेगी। इसके अलावा प्राकृतिक खेती से उगाए गए गेहूं को 40 रुपये प्रति किलो और मक्का को 30 रुपये प्रति किलो खरीदने की योजना है।
रियायती सुविधा के लिए प्रतिपूर्ति प्रदान होगी
बैठक में निर्णय लिया गया कि एचआरटीसी बसों में रियायती सुविधा का लाभ उठाने वाले सभी पुलिस कर्मियों, जेल अधिकारी, हिमाचल प्रदेश सचिवालय सुरक्षा सेवाएं स्टाफ को एचआरटीसी बस में यात्रा के लिए यात्रा की प्रतिपूर्ति प्रदान की जाएगी। बैठक में राज्य में निजी ऑपरेटरों को 168 रूटों के पुनः आवंटन के लिए राज्य परिवहन नीति-2014 के तहत 60 अनुपात 40 की शर्तों में ढील देने को सहमति दी गई।
आबकारी विभाग दो टुकड़ों में बांटा
बैठक में राज्य कर एवं आबकारी विभाग को दो अलग-अलग विंग में पुनर्गठित करने के लिए व्यापक मार्गदर्शक सिद्धांतों को मंजूरी दी। इस पहल का उद्देश्य विभाग की कार्यप्रणाली को सुव्यस्थित करना, कार्य में दक्षता लाना तथा राजस्व को बढ़ावा देना है।