आशा के अरमानों पर मेघनाथ ने बिजली गिरा दी, परिवार को देना चाहती थी आर्थिक मजबूती…मिली मौत
आशा के अरमानों पर मेघनाथ ने बिजली गिरा दी
खटीमा में मेघनाथ की नौकरी जाने के बाद से ही आशा देवी परिवार की आर्थिक स्थिति को लेकर चिंतित थी। वह जानती थी कि केवल बेटे की कमाई से छह लोगों का परिवार नहीं चल सकता। उसने यूपी क्षेत्र के एक बंगले में काम को लेकर बात की थी। सोमवार को वह वहां जा पातीं, इससे पहले ही पति ने उसे सोते हुए मौत के घाट उतार दिया।पत्नी की हत्या को अंजाम देने के बाद मेघनाथ को किसी प्रकार का मलाल नहीं है। उसने आशा के गले में फावड़े से करीब चार-पांच वार किए। पुलिस पूछताछ में वह पत्नी पर शक करने वाली बातें कहता रहा। लोगों का कहना था आशा देवी बेहद सज्जन महिला थीं। मेघनाथ पत्नी पर बेवजह शक करता था। जिस पत्नी ने शाम को उसे भोजन परोसा, रात में मेघनाथ ने उसे ही मौत की नींद सुला दिया।
लोगों ने बताया कि आशा कुशल गृहिणी थी। पति की नौकरी नहीं रहने के बाद उसे घर के खर्च और बच्चों के भविष्य की भी चिंता थी। इस कारण उसने यूपी क्षेत्र स्थित किसी बंगले में नौकरी की बात भी की थी। सोमवार को वह अपने पति मेघनाथ के साथ नौकरी के लिए यूपी जाने की तैयारी कर रही थी लेकिन इस पर भी मेघनाथ उसपर शक कर रहा था।
परिजनों के अनुसार अपने दो बेटों की मौत के बाद से ही मेघनाथ तनाव में रहने लगा था। उसका बरेली से इलाज भी चल रहा था। हालांकि पुलिस का कहना है कि उसने पत्नी की हत्या शक के चलते की थी।