इंतकाल अदालतों में निपटाए 74.22% केस, किन्नौर -बिलासपुर में सबसे ज्यादा 90% मामले सुलझाए
हिमाचल में इंतकाल के लंबित मामलों की समस्या का समाधान करने के लिए वर्तमान प्रदेश सरकार ने पहली बार अनूठी पहल करते हुए 30 और 31 अक्तूबर, 2023 को विशेष इंतकाल अदालतों का आयोजन किया। व्यवस्था परिवर्तन की दिशा में उठाया गया। यह कदम प्रदेश के लोगों के लिए वरदान सिद्ध हुआ है। इन इंतकाल अदालतों में प्रदेशभर में इंतकाल के लंबित 41907 मामलों में से 31105 का निपटारा कर दिया गया। इस तरह दो दिनों के भीतर ही 74.22 प्रतिशत लंबित मामलों का निपटारा कर दिया गया। बिलासपुर जिला में इन दो दिनों के दौरान सबसे अधिक 90.78 प्रतिशत मामलों का निपटारा किया गया।
यहां लंबित 1943 मामलों में से 1764 में इंतकाल दर्ज किए गए। किन्नौर जिला में 90.75 प्रतिशत मामलों का निपटारा हुआ तथा यहां कुल लंबित 400 में से 363 मामलों में इंतकाल दर्ज किए गए, जबकि ऊना जिला में 89.12 प्रतिशत मामलों में इंतकाल दर्ज हुए। यहां 3670 लंबित मामलों में से 3271 इंतकाल सत्यापित किए गए।
विशेष इंतकाल अदालतों के आयोजन पर यह है लोगों की राय
जिला कांगड़ा निवासी मीना देवी ने दो दिवसीय विशेष इंतकाल अदालतों के आयोजन के लिए मुख्यमंत्री का आभार आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उनका मामला वर्ष 1996 से लंबित था, लेकिन वर्तमान सरकार की इस पहल से वर्षों का काम चंद मिनटों में ही पूरा हो गया। वहीं, ऊना निवासी गुरचरण सिंह ने कहा कि इस विशेष इंतकाल अदालत का लाभ उन्हें भी मिला है। काफी वर्ष पहले उन्होंने इंतकाल के लिए आवेदन किया था, जो काफी समय से लंबित था, लेकिन अब दोनों भाइयों के नाम पर इंतकाल सत्यापित हो गया है। मंडी निवासी मनजीत ने भी मुख्यमंत्री के इस विशेष प्रयास की सराहना की है। उन्होंने कहा कि इंतकाल दर्ज कराने के लिए काफी समय से उन्हें कार्यालयों में चक्कर काटने पड़ रहे थे, लेकिन मंडी में लगी विशेष इंतकाल अदालत में चंद मिनटों में ही उनका काम पूर्ण हो गया।चंबा निवासी देवेश वर्मा ने भी राज्य सरकार का विशेष इंतकाल अदालत के आयोजन के लिए आभार जताया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार गंभीरता से प्रयास कर लोगों की समस्याओं का समाधान सुनिश्चित किया।