एसजीपीसी की मांग: कंगना रणौत पर दर्ज किया जाए केस, राहुल गांधी के अभय मुद्रा वाले तर्क पर जताई आपत्ति
शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की कार्यकारिणी की बैठक में हिमाचल प्रदेश के मंडी से भाजपा सांसद कंगना रणौत के खिलाफ केस दर्ज करने का प्रस्ताव पास किया गया है। एसजीपीसी के अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने कहा कि कार्यकारिणी ने प्रस्ताव कर भाजपा सांसद कंगना के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग की गई। उन्होंने कहा कि पंजाब की आम आदमी पार्टी सरकार का कंगना के पंजाब विरोधी व नफरत भरे भाषण पर कार्रवाई न करना राज्य के प्रतिनिधित्व से मुंह मोड़ने जैसा है।
वहीं, कार्यकारिणी ने एक और प्रस्ताव पास करते हुए सरकार से पिछले दिनों राजस्थान में न्यायिक परीक्षा में अमृतधारी सिख अभ्यर्थियों को धार्मिक ककार उतारने के लिए मजबूर करने के मामले में दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। धामी ने कहा कि केंद्र सरकार को आरोपियों के खिलाफ धार्मिक भावनाएं भड़काने का मामला दर्ज कर कार्रवाई करनी चाहिए। अमृतपान करने वाले सिख अभ्यर्थियों को ककार उतारने लिए मजबूर करना सिखों के साथ भेदभाव है। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 25 के तहत सिखों को कृपाण धारण करने का अधिकार है। राजस्थान में की गई मनमानी कार्रवाई संविधान का घोर उल्लंघन है। इस मामले में केंद्र सरकार को लिखने के अलावा कानूनी विशेषज्ञों की राय के अनुसार एसजीपीसी आगे की कार्रवाई शुरू करेगी।
स्वर्ण मंदिर में योग पर कहा- जानबूझकर की गई हरकतें क्षमा योग्य नहीं
श्री हरिमंदिर साहिब में योग करने वाली एक युवती के संबंध में धामी ने कहा कि इस घटना पर कई लोगों ने अपनी राय दी है। युवती ने लिखित माफी भी भेजी है, लेकिन हर धार्मिक स्थल के अपने नियम होते हैं। जानबूझकर की गई हरकतें क्षमा योग्य नहीं होतीं। भविष्य में परिसर के अंदर फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी को लेकर नियम तय किए जाएंगे, लेकिन तत्काल प्रभाव से किसी भी कलाकार या अभिनेता को यहां अपना प्रचार करने के लिए वीडियोग्राफी करने पर रोक लगाने के आदेश जारी किए गए हैं।
राहुल गांधी के अभय मुद्रा वाले बयान पर आपत्ति
एसजीपीसी ने संसद में नेता विपक्ष राहुल गांधी की ओर से अभय मुद्रा को सिखों के पहले गुरु साहिब से जोड़ने पर भी आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि पवित्र गुरबाणी और गुरुओं की शिक्षाओं का सम्मान किया जाना चाहिए। इसे राजनीतिक बहस का हिस्सा नहीं बनना चाहिए। इस संबंध में पारित प्रस्ताव में कहा गया है कि अकसर राजनेता गुरुओं के मूल सिद्धांतों और पवित्र गुरबाणी के अर्थ की भी गलत व्याख्या करते हैं, जिससे सिखों की भावनाएं आहत होती हैं। धामी ने कहा, राहुल गांधी ने संसद में श्री गुरु नानक देव जी का जिक्र करते हुए कहा था कि गुरु साहब का स्वरूप अभय मुद्रा दर्शाता है, यह पूरी तरह से गलत है। प्रस्ताव में स्पष्ट किया गया कि गुरु साहिब ने ऐसी किसी मुद्रा या आसन को मान्यता नहीं दी है, बल्कि उन्होंने केवल एक अकाल पुरख से जुड़ने का निर्देश दिया है। इस प्रस्ताव के जरिए कार्यकारिणी ने लोकसभा और राज्यसभा दोनों के अध्यक्षों से यह सुनिश्चित करने की अपील की है कि संसद की कार्यवाही के दौरान किसी की धार्मिक भावनाएं आहत न हों।