काम की खबर: चंडीगढ़-बद्दी रेललाइन प्रोजेक्ट का तेजी से होगा निर्माण, केंद्र से मिले 300 करोड़ रुपये; 9 गावों से होकर पहुंचेगी बद्दी
Chandigarh-Baddi Rail Line Project वित्तमंत्री निर्मला सीतारमन ने अंतरिम बजट 2024-25 में निर्माणाधीन चंडीगढ़-बद्दी रेललाइन प्रोजेक्ट के लिए 300 करोड़ रुपये का आवंटन हुआ है। चंडीगढ़-बद्दी रेल लाइन के प्रोजेक्ट को रेलवे ने वर्ष 2007 में घोषित किया था। यह रेललाइन 33.23 किलोमीटर की है। यह रेल लाइन हिमाचल के नौ गांवों से होकर गुजरती हुई बद्दी तक पहुंचेगी ।
HIGHLIGHTS
- चंडीगढ़-बद्दी रेललाइन प्रोजेक्ट को 300 करोड़ रुपये का आवंटन
- प्रोजेक्ट की अनुमानित लागत 1540.14 करोड़ रुपये
- वित्तवर्ष में 452.50 करोड़ हुए थे आवंटित। Chandigarh-Baddi Rail Line Project: वित्तमंत्री निर्मला सीतारमन ने अंतरिम बजट 2024-25 में निर्माणाधीन चंडीगढ़-बद्दी रेललाइन प्रोजेक्ट के लिए 300 करोड़ रुपये का आवंटन हुआ है। चंडीगढ़-बद्दी रेल लाइन के प्रोजेक्ट को रेलवे ने वर्ष 2007 में घोषित किया था। यह रेललाइन 33.23 किलोमीटर की है।
हिमाचल के 9 गावों से होकर बद्दी पहुंचती है रेललाइन
इस प्रोजेक्ट का ज्यादातर हिस्सा हरियाणा के पंचकूला जिले में पड़ता है। प्रोजेक्ट की अनुमानित लागत 1540.14 करोड़ रुपये है। प्रोजेक्ट के लिए भूमि अधिग्रहण का काम सबसे मुश्किल था,जिसे रेलवे ने काफी पहले पूरा कर लिया गया था। यह रेल लाइन हिमाचल के नौ गांवों से होकर गुजरती हुई बद्दी तक पहुंचेगी। यह रेल लाइन सराजमाजरा,शीतलपुर, कल्याणपुर,चक-जंगी, लांडेवाल, केंदुवाल, बिलनवाली गुजरां, हरिपुर संधोली और संधौली गांव से होती बद्दी पहुंचेगी। रेल लाइन बिछाने के लिए कई स्तर पर काम किया जा रहा है।
वर्ष 2025 में पूरा होगा रेल लाइन बिछाने का काम
चंडीगढ़ बद्दी रेल लाइन बिछाने का प्रोजेक्ट वर्ष 2025 में पूरा होगा। वित्त वर्ष 2023-24 में इस प्रोजेक्ट के लिए केंद्र ने 452.50 करोड़ आवंटन हुए थे। इस प्रोजेक्ट के पूरे होने से बद्दी इंडस्ट्रियल एरिया में काम करने वाले सात लाख से ज्यादा प्रवासी मजदूरों को लाभ होगा।
बद्दी स्थित इंडस्ट्री को होगा बड़ा फायदा
हिमाचल प्रदेश के बद्दी व नालागढ़ एरिया में कई मल्टीनेशनल कंपनियों के बड़े प्लाट हैं। फार्मा सेक्टर का तो यह एरिया हब है। ऐसे में बद्दी-अमृतसर-कोलकाता गलियारे से जुड़ने का पूरे रीजन को फायदा होगा। यह क्नेक्टिविटी औद्योगिक क्षेत्र को बढ़ाने में भी सहायक होगी। उद्योगों को कच्चा माल लाने और तैयार माल को अन्य राज्यों में भेजने के रेलवे का विकल्प मिलेगा। जिससे उनकी लागत कम होगी और मुनाफा बढ़ेगा। रेल नेटवर्क से इस रीजन में व्यापार व रोजगार के भी नए अवसर पैदा होंगे।