कार्तिकेय शर्मा के निर्वाचन को अजय माकन ने दी चुनौती

कार्तिकेय शर्मा के निर्वाचन को अजय माकन ने दी चुनौती, अमान्य बताया चुनाव; HC ने 20 दिसंबर तक सुनवाई की स्थगित
राज्यसभा सदस्य कार्तिकेय शर्मा के चुनाव को चुनौती देने वाली याचिका पर हाईकोर्ट ने सुनवाई 20 दिसम्बर तक स्थगित कर दी है। कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता अजय माकन द्वारा यह याचिका दायर की गई है। याचिका में कार्तिकेय से अधिक वैध वोट हासिल होने पर अजय माकन को निर्वाचित घोषित करने के निर्देश देने की मांग की गई है।
HIGHLIGHTS
- राज्यसभा सदस्य कार्तिकेय शर्मा के चुनाव को रद करने की याचिका पर सुनवाई स्थगित
- 10 जून 2022 को हुआ था कार्तिकेय शर्मा का चुनाव
- वोट था अमान्य
चंडीगढ़। Haryana News: हरियाणा के राज्यसभा सदस्य कार्तिकेय शर्मा के चुनाव को चुनौती देने वाली याचिका पर हाईकोर्ट ने सुनवाई 20 दिसम्बर तक स्थगित कर दी है। कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता अजय माकन द्वारा यह याचिका दायर की गई है।
10 जून 2022 को हुआ था कार्तिकेय शर्मा का निर्वाचन
यह याचिका जनप्रतिनिधित्व कानून के तहत दायर की गई है। राज्यसभा के लिए कार्तिकेय शर्मा का चुनाव 10 जून 2022 को हुआ था। माकन की तरफ से हाईकोर्ट के वकील प्रताप सिंह ने पैरवी की। याचिका में कार्तिकेय से अधिक वैध वोट हासिल होने पर अजय माकन को निर्वाचित घोषित करने के निर्देश देने की मांग की गई।
कांग्रेस पार्टी के टिकट पर लड़ा था माकन ने चुनाव
हरियाणा से राज्यसभा की दो सीटों के लिए चुनाव हुआ था, जिसमें माकन ने कांग्रेस पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा था। हाईकोर्ट को बताया गया कि मतपत्रों की वैधता जांच के दौरान यह देखा गया कि कुल 89 मतों में से एक मतदाता ने अपनी पसंद के रूप में मतपत्र पर अंक ”1” के बजाय ✔ चिह्न लगाया था। रिटर्निंग ऑफिसर ने नियम के तहत उस मतपत्र को अमान्य बता कर खारिज कर दिया।
याचिकाकर्ता ने क्या कहा
याचिका में बताया गया कि कार्तिकेय शर्मा के पक्ष में चिह्नित एक मतपत्र में वरीयता के क्रम ”1” तय कॉलम में नहीं था। याचिका के अनुसार याचिकाकर्ता के चुनाव एजेंट बीबी बत्रा, जो हरियाणा विधानसभा के मौजूदा विधायक हैं, उनके द्वारा लिखित में आपत्ति दर्ज कराई गई थी, जिसमें विशेष रूप से बताया गया था कि यह वोट निर्धारित नियमों के खिलाफ था।
वोट था अमान्य
एजेंट ने अपनी आपत्ति में विशेष रूप से यह भी बताया कि नियमों के तहत निर्धारित उचित कॉलम में वोट को चिह्नित नहीं किया गया है। ऐसे में यह वोट अमान्य है। हालांकि, रिटर्निंग आफिसर ने बिना कोई वैध कारण बताए उपरोक्त आपत्ति को खारिज कर दिया था।
रिटर्निंग ऑफिसर की लापरवाही आई सामने
कोर्ट को बताया गया कि रिटर्निंग ऑफिसर ने नियमों के अनुसार उसकी शिकायत पर कार्रवाई नहीं की। अगर उस आपत्ति को स्वीकार कर लिया जाता, तो वह राज्यसभा के लिए चुने जाते। कोर्ट से मांग की गई है कि इस याचिका के विचाराधीन रहने तक चुनाव का रिकॉर्ड सुरक्षित रखा जाए।