कालका-शिमला नेशनल हाईवे: चक्कीमोड़ के लिए ड्राइंग तैयार, एसजेवीएन देगा अंतिम मंजूरी
एनएचएआई के अधिकारियों का मानना है कि एसजेवीएन प्रदेश में काफी समय से कार्य कर रहा है। इसके चलते पहाड़ों और स्टाटा की कंपनी को काफी जानकारी है।
कालका-शिमला नेशनल हाईवे पांच पर चक्कीमोड़ की एनएचएआई ने ड्राइंग तैयार कर दी है। इस ड्राइंग को एसजेवीएन लिमिटेड अंतिम मंजूरी देगा। इसके लिए राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने एसजेवीएन के साथ करार किया है। एनएचएआई के अधिकारियों का मानना है कि एसजेवीएन प्रदेश में काफी समय से कार्य कर रहा है। इसके चलते पहाड़ों और स्टाटा की कंपनी को काफी जानकारी है। मौके से मिट्टी के सैंपल भी जांच के लिए भेजे गए हैं। सैंपलों की जांच दिल्ली और चंडीगढ़ में हो रही। जहां से फरवरी माह के अंत में रिपोर्ट आने की उम्मीद है। रिपोर्ट और स्टाटा के आधार पर चक्कीमोड़ की ड्राइंग में बदलाव किया जाएगा। इसके बाद ही एसजेवीएन कार्य करवाने की मंजूरी देगा।
प्रारंभिक ड्राइंग के अनुसार चक्कीमोड़ में पुल की बजाय सड़क का ही निर्माण कार्य होगा। इसी के साथ पहाड़ पर क्लाउडिंग समेत अन्य कार्य किया जाएगा। अगर स्टाटा रिपोर्ट ठीक आती है तो सड़क के निचली ओर भी डंगे लगाने की योजना तैयार की गई है। बताया जा रहा है कि एनएचएआई की ओर से आगामी बरसात से पहले सड़क पर मरम्मत कार्य करने का लक्ष्य तैयार किया है। इसके लिए एनएचएआई भी तेजी से कार्य कर रहा है।
गौर रहे कि परवाणू-सोलन फोरलेन में बीती बरसात में काफी नुकसान हुआ था। चक्कीमोड़ के समीप एक अगस्त को बारिश के दौरान सड़क ढह गई थी। इसके बाद यहां से वाहनों की आवाजाही पूर्ण रूप से बंद हो गई। करीब एक सप्ताह के बाद यहां पर फोरलेन निर्माता कंपनी की ओर से पहाड़ से आई मिट्टी को हटाकर अस्थाई सड़क का निर्माण किया। लेकिन बीच-बीच में फिर से सड़क बंद होती रही। वर्तमान में यहां पर आवाजाही ठीक चल रही है। लेकिन सड़क अस्थाई रूप से ही चल रही है। आगामी बरसात के पांच माह बाकी रह गए हैं। लेकिन चक्कीमोड़ में अभी भी हाल काफी खराब है। एक ही लेन से दोनों तरफ के वाहन आ-जा रहे हैं।
एनएचएआई की ओर से एसजेवीएनए लिमिटेड के साथ आगामी कार्य को लेकर करार किया गया है। जल्द ही मिट्टी की रिपोर्ट आ जाएगी। इसके बाद कंपनी तैयार की गई ड्राइंग पर अंतिम मंजूरी देगी। जल्द ही कार्य भी शुरू करवाया जाएगा। आवाजाही में किसी भी प्रकार की दिक्कत नहीं आएगी