खुशियों पर संकट: मूसेवाला के परिजनों को लीगल नोटिस, IVF तकनीक से बच्चे के पैदा होने पर रिपोर्ट तलब
खुशियों पर संकट: मूसेवाला के परिजनों को लीगल नोटिस, IVF तकनीक से बच्चे के पैदा होने पर रिपोर्ट तलब
29 मई 2022 को गांव जवाहरके में गैंगस्टरों ने सिद्धू मूसेवाला की गोलियां मारकर हत्या कर दी थी। मूसेवाला अपने माता-पिता का इकलौता बच्चा था और उसके कत्ल के बाद बुजुर्ग परिजनों का कोई सहारा नहीं था। इसी के चलते मूसेवाला की माता चरण कौर ने 58 साल की उम्र में नवीनतम तकनीक आईवीएफ के माध्यम से बेटे को जन्म दिया है।
दिवंगत पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की माता ने रविवार को एक बेटे को जन्म दिया था। परिवार बच्चे के जन्म का जश्न मना भी नहीं पाया था कि एक टेंशन ने उन्हें घेर लिया।
दरअसल मूसेवाला की मां चरण कौर ने 58 साल की उम्र में इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (आईवीएफ) तकनीक का सहारा लेकर बच्चे को जन्म दिया था। भारत में आईवीएफ के लिए अधिकतम उम्र 50 वर्ष निर्धारित होने के कारण चरण कौर विदेश से इस तकनीक के जरिए गर्भवती हुईं थीं। अब इस मामले में परिजनों को लीगल नोटिस भेजने की बात सामने आई है।
मूसेवाला के पिता बलकौर सिंह ने एक वीडियो जारी कर दावा किया है कि पंजाब सरकार के अधिकारी उन्हें परेशान कर रहे थे और उनसे सवाल कर रहे थे कि क्या नवजात बच्चा जायज है।
इस वीडियो में बलकौर सिंह कह रहे हैं कि वाहेगुरु के आशीर्वाद से हमें हमारा शुभदीप वापस मिला, लेकिन सरकार परेशान कर रही है और वे बच्चे से संबंधित दस्तावेज पेश करने के लिए कह रहे हैं। वे यह साबित करने के लिए कह रहे हैं कि बच्चा वैध है या नहीं।
उन्होंने मुख्यमंत्री भगवंत मान से अनुरोध किया कि वे मां और बच्चे का इलाज पूरा होने दें, और फिर वह उनके मानदंडों का पालन करेंगे और सभी सवालों के जवाब देंगे। उन्होंने कहा कि आईवीएफ प्रक्रिया के लिए सभी कानूनी प्रक्रियाओं का पालन किया गया था और वह दस्तावेज भी प्रस्तुत करेंगे।
यह है आईवीएफ तकनीक
आईवीएफ को इन विट्रो फर्टिलाइजेशन के नाम से भी जाना जाता है। जब महिला का शरीर एग को फर्टिलाइज करने में समक्ष नहीं होता तो उसे लैब में फर्टिलाइज कराया जाता है। आईवीएफ को हिंदी भाषा में भ्रूण प्रत्यारोपण भी कहा जाता है और इस तकनीक से जन्म लेने वाले बच्चों को टेस्ट ट्यूब बेबी कहा जाता है।
भारत में 50 साल तक ले सकते हैं आईवीएफ का सहारा
इंडियन सोसायटी ऑफ असिस्टेड रिप्रोडक्शन चंडीगढ़ शाखा की संस्थापक अध्यक्ष डॉ. जीके बेदी ने बताया कि भारतीय कानून में 50 साल से ज्यादा की उम्र में आईवीएफ तकनीक का उपयोग नहीं किया जा सकता है।