ग्रामीण, शहरी क्षेत्रों में बने होम स्टे का अलग-अलग होगा पानी बिल, दरें निर्धारित
ग्रामीण, शहरी क्षेत्रों में बने होम स्टे का अलग-अलग होगा पानी बिल
हिमाचल के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में बने होम स्टे के लिए पानी की दरें अलग-अलग रहेंगी। सरकार ने जल शक्ति विभाग को दोनों के लिए अलग-अलग स्लैब बनाने को कहा है। शहरी क्षेत्रों में बने होम स्टे में व्यावसायिक, जबकि ग्रामीण क्षेत्र के होम स्टे में घरेलू दरों की अपेक्षा थोड़ा ज्यादा पानी का बिल आएगा।प्रदेश सरकार का मानना है कि ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को रोजगार देने के लिए होम स्टे खोलने की अनुमति दी गई है। साल में तीन से चार महीने ही इनमें काम होता है। ज्यादातर ये खाली रहते हैं। ऐसे में सरकार इन पर अतिरिक्त बोझ नहीं डालना चाहती है। ग्रामीण उपभोक्ताओं के लिए सरकार ने हर महीने पानी की 100 रुपये दर निर्धारित की है। इससे थोड़ा ज्यादा बिल ग्रामीण क्षेत्रों के होम स्टे का रहेगा। इन दिनों प्रदेश सरकार अपनी आर्थिक सेहत को सुधारने के लिए लगातार कड़े फैसले ले रही है।सुक्खू सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में मुफ्त पानी की सुविधा भी कुछ शर्तों के साथ बंद करने का फैसला लिया है। ग्रामीण क्षेत्रों में सरकार ने साधन संपन्न लोगों से पानी का 100 रुपये मासिक बिल वसूलने का निर्णय लिया है। सालाना 50 हजार रुपये की आय वाले गरीब परिवारों सहित विधवाओं, एकल नारी व दिव्यांगों को पहले की तरह निशुल्क पानी की सुविधा जारी रहेगी। साधन संपन्न लोगों से 100 रुपये मासिक बिल वसूला जाएगा।
हिमाचल में हैं 6000 हजार होम स्टे
हिमाचल प्रदेश में इस समय 6,000 के करीब होम स्टे चल चल रहे हैं। इनमें 4,000 होम स्टे पंजीकृत है। 60 फीसदी होम स्टे ग्रामीण क्षेत्रों में, जबकि अन्य 40 फीसदी शहरी क्षेत्रों में हैं।
सरकार ने जल शक्ति विभाग से ब्योरा
प्रदेश सरकार ने कैबिनेट में 100 रुपये ग्रामीण उपभोक्ताओं से बिल लेने का फैसला किया था। इसके अलावा होम स्टे पर दरें क्या रहती हैं, इसका जल शक्ति विभाग से प्रस्ताव तैयार करने को कहा था। प्रदेश सरकार ने विभाग से तैयार किए गए स्लैब की लिस्ट मांगी है।