जन्माष्टमी पर इस तरह करें लड्डू गोपाल का श्रृंगार, बनी रहेगी कान्हा जी की कृपा
Janmashtami 2023 जन्माष्टमी का त्योहार भगवान श्री कृष्ण के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। जनमाष्टमी पर भगवान श्रीकृष्ण के बाल रूप लड्डू गोपाल की पूजा की जाती है। कृष्ण जी का जन्म रात्रि में हुआ था इसलिए उनके जन्म के समय ही पूजन करना शुभ माना जाता है। आइए जानते हैं कि भगवान श्री कृष्ण के जन्मोत्सव पर किस तरह लड्डू गोपाल का श्रृंगार करना चाहिए।
लड्डू गोपाल के श्रृंगार की विधि (Shringar Vidhi Of Laddu Gopal)
- सबसे पहले लड्डू गोपाल (घर किस धातु के रखें लड्डू गोपाल) को पंचामृत से स्नान के बाद गोपी चंदन लगाएं।
- फिर गोपी चंदन जब सूखने लगे तब उन्हें जल से नहलाएं या अभिषेक करें।
- इसके बाद लड्डू गोपाल को पहले लंगोटी पहनाएं फिर पोषक धारण कराएं।
- पोशाक धारण कराने के बाद लड्डू गोपाल को कड़े, कुंडल आदि पहनाएं।
- फिर कंठ माला पहनाएं। इसके बाद पतली श्लाखा को गीला काजल में डुबाएं।
- पतली श्लाखा से लड्डू गोपाल की आंखों में आराम से काजल लगाएं।
- श्लाखा को हल्के हाथ से पकड़ें नहीं तो लल्ला को आंखों में लग सकती है।
- काजल लगाने के बाद चंदन से पहले वैष्णव तिलक लगाएं फिर श्रृंगार करें।
- लड्डू गोपाल के माथे, गाल, गले, पेट और पीठ पर चंदन (चंदन के उपाय) का तिलक करें।
जब तिलक सूख जाए तब लड्डू गोपाल को केश पहनाएं। केश में इत्र छिड़कें।
- इसके बाद बहुत ज़रा सी गोंद लें और उसे गोपाल के मुकुट पर लगाएं।
- उस मुकुट को गोपाल को पहनाएं। गोंद का इस्तेमाल मुकुट टिकाने के लिए है।
- अगर मुकुट बिना गोंद के भी लड्डू गोपाल के सिर पर टिक जाता है तो गोंद न लें।
- लड्डू गोपाल के मुकुट पर मोरपंख लगान न भूलें क्योंकि मोरपंख इन्हें प्रिय है।
- इसके बाद लड्डू गोपाल को माला पहनाएं और उनकी नज़र उतारें।
- लड्डू गोपाल को बांसुरी भी पसंद है इसलिए बांसुरी उनके पास रखें।
- फिर अंत में लड्डू गोपाल पर अच्छे से इत्र छिड़कें और फूल अर्पित करें।
- यहां लड्डू गोपाल का श्रृंगार इसी विधि के साथ पूर्ण हो जाता है।
लड्डू गोपाल को पहनाएं ऐसे वस्त्र
कृष्ण जन्माष्टमी के दिन लड्डू गोपाल को पीले, हरे, लाल, रंग के वस्त्रों के साथ आप मोरपंख से बने वस्त्र, फूलों वाले वस्त्र, आदि भी पहना सकते हैं। इससे कान्हा जी आपसे प्रसन्न होंगे और आपके ऊपर अपनी दया दृष्टि बनाए रखेंगे।
कान्हा जी के हाथों रखें बांसुरी
कान्हा जी को बांसुरी अति प्रिय है। इसके बिना कान्हा का श्रृंगार अधूरा माना जाता है। ऐसे में कृष्ण जन्माष्टमी के दिन श्रृंगार करते समय आप छोटी सी बांसुरी कान्हा जी के हाथों में जरूर रखें।
कान्हा जी को पहनाएं मोर मुकुट
श्री कृष्ण अपने मुकुट पर मोर पंख मुख्य रूप से धारण करते हैं, इसलिए जन्माष्टमी के दिन उन्हें मोर मुकुट जरूर पहनाना चाहिए। ऐसा करने से कान्हा जी आपसे प्रसन्न होंगे और आपकी सभी इच्छाएं पूरी करेंगे।
इन आभूषणों से करें श्रृंगार
श्री कृष्ण को श्रृंगार अति प्रिय है, इसलिए कृष्ण जन्माष्टमी के दिन पूजा के समय उन्हें चांदी या सोने के कड़े, बाजूबंद, कानों में सोने, चांदी या मोती से बने कुंडल जरूर पहनाएं। साथ ही आप उन्हें पायल और कमर में कमरबंध भी पहनाएं। इससे जीवन में आ रही बाधाएं दूर होती हैं।