नए प्रशासक ने संभाला कार्यभार, रुकी परियोजनाओं को मिल सकती है रफ्तार, तैयारी में जुटे विभाग
नए प्रशासक ने संभाला कार्यभार, रुकी परियोजनाओं को मिल सकती है रफ्तार
पंजाब के राज्यपाल व चंडीगढ़ के प्रशासक के बदलने के साथ ही चंडीगढ़ में कई प्रशासनिक व्यवस्थाएं भी बदल जाएंगी। विभिन्न विभागों के अधिकारी वर्तमान में चल रही परियोजनाओं की प्रेजेंटेशन बनाने में जुटे हैं। बताया जा रहा है कि अगले कुछ दिनों में प्रशासक सेक्टर-9 स्थित यूटी सचिवालय पहुंचेंगे और सलाहकार राजीव वर्मा समेत अन्य अधिकारियों के साथ बैठक लेंगे।
नए प्रशासक गुलाब चंद कटारिया के आने से कई चीजों में बदलाव होने की उम्मीद है, जिन्हें पूर्व प्रशासक बनवारी लाल पुरोहित ने रोक रखा था। इनमें सबसे अहम हाउसिंग प्रोजेक्ट है क्योंकि बनवारी लाल पुरोहित ने प्रेस कान्फ्रेंस कर स्पष्ट किया था कि वह चंडीगढ़ में किसी भी नई हाउसिंग परियोजना को लागू नहीं होने देंगे।
उन्होंने तर्क दिया था कि चंडीगढ़ जितने लोगों के लिए बसाया गया था, उससे करीब ढाई गुना ज्यादा लोग रहते हैं। ऐसे में अगर नई हाउसिंग परियोजनाएं लाई गईं तो चंडीगढ़ की जनसंख्या बढ़ेगी और इसका असर वर्तमान संसाधनों पर पड़ेगा। इस वजह से ही उन्होंने चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड की सेक्टर-53 की नई आवासीय परियोजना और आईटी पार्क स्थित वीआईपी फ्लैट्स की परियोजना को रोक दिया था। अब माना जा रहा है कि ये परियोजनाएं फिर से रफ्तार पकड़ सकती हैं क्योंकि हाउसिंग बोर्ड ने पहले से ही इन पर काफी काम किया हुआ है।
मेट्रो पर क्या रहेगा कटारिया का रुख, यह बेहद अहम
पूर्व प्रशासक बनवारी लाल पुरोहित सेक्टर-9 स्थित यूटी सचिवालय में हर मंगलवार और शुक्रवार पहुंचते थे और प्रशासन से जुड़ी फाइलों पर चर्चा करके उन्हें क्लियर करते थे। इससे पहले वीपी सिंह बदनौर का कोई दिन तय नहीं था। कई बार वह सचिवालय आते थे, जबकि कई बार वह राजभवन में ही फाइलों को मंगवा लेते थे। अब अधिकारी इस बात से भी चिंतित है कि फाइलों को क्लियर करने के लिए नई व्यवस्था क्या बनेगी। इसके अलावा मेट्रो को लेकर नए प्रशासक का क्या रुख रहेगा, यह बहुत महत्वपूर्ण होगा क्योंकि प्रशासक ही यूनिफाइड मेट्रोपॉलिटन ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी (यूएमटीए) के अध्यक्ष होते हैं, उन पर बहुत कुछ निर्भर करता है।