पिता का कातिल बना बेटा: किए ताबड़तोड़ वार, नहीं कांपे हाथ

पिता का कातिल बना बेटा: किए ताबड़तोड़ वार, नहीं कांपे हाथ, 500 मीटर दूर फेंका सिर, पूछताछ में खोले राज
शामली जनपद के चौसाना थानाक्षेत्र के बल्ला माजरा गांव में इमाम फजलू रहमान पर वार करते हुए बेटे जुनैद के तनिक भी हाथ तक नहीं कांपे। न पिता का लाड़ याद आया और न उनका प्यार। यहां तक कि गर्दन को अलग कर सिर को 500 मीटर दूर एक खेत में फेंककर खुद भी छिप गया।
माैलवी पिता को साइकिल पर मस्जिद जाना था। उसी साइकिल को लेकर जुनैद खेत में पहुंच गया। पिता फजलू रहमान खेत पर पहुंचे और साइकिल लाने का उलाहना दे दिया। इसी मामूली सी बात पर वह इतना आक्रमक हुआ कि पिता पर फावड़े से तब तक वार करता रहा जब तक कि उसकी गर्दन धड़ से अलग नहीं हो गई।
मौके पर पुलिस ने खून के धब्बों को सहारा बनाया। घटनास्थल से खून के धब्बे 500 मीटर दूर इदरीश के खेत तक मिले। करीब घंटे भर की मशक्कत के बाद पुलिस ने सिर बरामद किया।
बाद में पुलिस, एसओजी ने तलाशी अभियान चलाया तो गर्दन ईख के खेत में कपड़े में लिपटी मिली। जबकि आरोपी भी पास के ही खेत में छिपा था। पुलिस ने अनुसार ग्रामीणों ने बताया कि आरोपी ने हाथ पर कई वार किए। मृतक के शरीर पर घावों को देखकर कहा जा सकता है कि जब तक मौत नहीं हो गई, फजलू के शरीर पर वार किए जाते रहे।
दूसरों की मदद के लिए तैयार रहता था फजलू
ग्रामीणों ने बताया कि फजलू हर समय दूसरों की मदद के लिए तैयार रहता था। यही नहीं गांवों में बेसहारा लोगों की भी समय-समय पर मदद करता था। फजलू की मौत से परिजनों का भी रो-रोकर बुरा हाल है।
नई साइकिल की भी कर रहा था मांग
मृतक के परिजनों ने बताया कि जुनैद पिछले कई दिन से पिता से नई साइकिल की भी मांग कर रहा था। मगर पिता ने कुछ दिन बाद साइकिल देने की बात कहीं थी। जिससे वह नाराज चल रहा था। इसी कारण वह पिता की साइकिल लेकर खेत में चला गया।
खून से सने मिले जुनैद के कपड़े और हाथ
पुलिस के मुताबिक मृतक के बेटे जुनैद (21) के कपड़ों और हाथ के नाखूनों पर खून लगा हुआ था। पुलिस ने एक फावड़ा भी बरामद किया, जिससे हमला कर किसान की हत्या की गई है।
मानसिक रूप से बीमार बताया जा रहा बेटा
ग्रामीणों के मुताबिक फजलू रहमान के तीन बेटे और चार बेटियां हैं। पुलिस ने मृतक के जिस बेटे को गिरफ्तार किया है, वह मानसिक रूप से बीमार है। जुनैद का हरियाणा में उपचार चल रहा है। तीन दिन पहले परिवार के लोग जब उसे उपचार के लिए ले जा रहे थे, तो वह गाड़ी से उतरकर वापस भाग आया था।