पिरुल लाओ, पैसे पाओ’, जंगल की आग पर काबू पाने के लिए CM Dhami ने चलाया अभियान, ग्रामीणों की हो रही बढ़िया आमदनी
सीएम धामी ने एक्स पर लिखा जंगलों में आग लगने की घटनाओं का एक प्रमुख कारण पिरुल होता है। जिसके निस्तारण के लिए हम आमजन के साथ मिलकर अभियान चला रहे हैं। पिरुल लाओ पैसे पाओ अभियान के तहत बड़ी संख्या में लोग पिरुल को इकट्ठा कर ₹ 50/किलो की दर से सरकार को बेच रहे हैं। जिसका व्यापक असर भी देखने को मिल रहा है।सीएम धामी ने एक्स पर लिखा जंगलों में आग लगने की घटनाओं का एक प्रमुख कारण पिरुल होता है। जिसके निस्तारण के लिए हम आमजन के साथ मिलकर अभियान चला रहे हैं। पिरुल लाओ पैसे पाओ अभियान के तहत बड़ी संख्या में लोग पिरुल को इकट्ठा कर ₹ 50/किलो की दर से सरकार को बेच रहे हैं। जिसका व्यापक असर भी देखने को मिल रहा है। गत दिनों वर्षा से जंगलों में लगी आग पर काबू होने के बाद फिर से आग की घटनाएं सामने आने लगी हैं। लगातार सामने आ रही घटनाओं से प्रशासन से लेकर आम जनता तक परेशान है। एनडीआरएफ व वन विभाग की टीम आग पर काबू पाने में जुटी हुईं हैं।
सीएम धामी भी जंगल की आग पर काबू पाने के लिए समय-समय पर सख्त निर्देश जारी कर रहे हैं। सीएम ने आग पर काबू पाने के लिए आमजन के साथ मिलकर एक अभियान भी चलाया है। सीएम के इस अभियान से वनाग्नि की घटनाएं काफी कम हो गई हैं साथ ही वन क्षेत्र के पास रहने वाले ग्रामीणों की आमदनी भी हो रही है।
सीएम धामी का ‘पिरुल लाओ, पैसे पाओ’ अभियान
सीएम धामी ने एक्स पर लिखा, ‘जंगलों में आग लगने की घटनाओं का एक प्रमुख कारण पिरुल होता है। जिसके निस्तारण के लिए हम आमजन के साथ मिलकर अभियान चला रहे हैं। ‘पिरुल लाओ, पैसे पाओ’ अभियान के तहत बड़ी संख्या में लोग पिरुल को इकट्ठा कर ₹ 50/किलो की दर से सरकार को बेच रहे हैं। जिसका व्यापक असर भी देखने को मिल रहा है।
इस अभियान से वर्तमान में वनाग्नि की घटनाएं काफी कम हो गई हैं साथ ही वन क्षेत्र के पास रहने वाले ग्रामीणों की आमदनी भी हो रही है।’
गुमांई व गंगोटी के जंगल भी प्रभावित
मंगलवार को तमलाग गांव से सटे जंगलों में सुलगती आग से गुमांई व गंगोटी वन क्षेत्र भी कुछ हद तक प्रभावित हुआ। जंगल में लगी आग को बुझान के लिए एनडीआरएफ व वन विभाग की टीम जुटी रही।
डीएफओ स्वप्निल अनिरुद्ध ने बताया कि अदवाणी नार्थ व साऊथ क्षेत्र में बीती देर सायं को सेटेलाइट डेटा के आधार पर आग की घटना की सूचना मिली। आग तमलाग के जंगलों में फैल गई तथा सिविल वन क्षेत्र से होते हुए आग बेकाबू होकर रिजर्व फारेस्ट की ओर बढ़ गई, जिससे कि गुमांई व गंगोटी के जंगल भी प्रभावित हो गए।