पूर्व सीएम शांता कुमार ने देश में बढ़ती दुष्कर्म की घटनाओं पर जताई चिंता, बढ़ती आबादी पर भी रोक लगाने की मांग
पूर्व सीएम शांता कुमार ने देश में बढ़ती दुष्कर्म की घटनाओं पर जताई चिंता
पूर्व मुख्यमंत्री एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री शांता कुमार ने कहा है कि जिस देश में कभी एक द्रौपदी का चीरहरण करने की कोशिश के कारण इतिहास का सबसे बड़ा युद्ध महाभारत हुआ था और उसके बाद भारत के प्राचीन इतिहास में वैसी कोई घटना नहीं हुई। उसी भारत में आज नन्हीं बेटियां तक दुष्कर्म और हत्या का शिकार हो रही है।
डॉक्टर के साथ हुई दरिंदगी पर भी बोले शांता कुमार
उन्होंने कहा कि कोलकता में प्रशिक्षु चिकित्सक से दुष्कर्म और पशुता की सारी सीमाएं तोड़कर हत्या से पूरा देश सड़कों पर उतर रहा है। दुर्भाग्य से छोटी बेटियों के विरूद्ध अपराध बढ़ते जा रहे है।एक मुख्य अध्यापक ने स्कूल के शौचालय में एक नाबालिग छात्रा से दुष्कर्म किया। इस प्रकार की दिल दहलाने वाली घटनाएं रोज पढ़ने को मिल रही है।
भारत में बढ़ती आबादी पर जताई चिंता
शांता कुमार ने कहा टिड्डी दल की तरह देश की आबादी बढ़ रही है। नशे का प्रकोप बढ़ रहा है। युवकों में कई कारणों से निराशा हताशा है। अपराधों की संख्या भी बढ़ रही हैं भारत की आबादी विश्व में सबसे अधिक हो गई परंतु पेरिस ओलंपिक से एक भी गोल्ड भारत नहीं ला सका।पड़ोसी चीन ने बढ़ती आबादी को रोक लिया और ओलंपिक में अमेरिका से भी अधिक 29 गोल्ड लेकर लौटा है। भारत बढ़ती आबादी को रोके यह भी समय की सबसे बड़ी जरूरत है और सब समस्याओं का असली कारण है।
दुष्कर्म जैसे अपराधों के लिए विशेष अदालत बनाने की मांग की
उन्होंने कहा कि दिल्ली में कभी निर्भया कांड हुआ था और पूरा भारत सड़कों पर आ गया था। सरकार ने एक कमीशन बनाया। कानून बदला परिणाम यह हुआ कि अब दुष्कर्म के बाद अपराधी सारे सबूत खत्म करने के बाद लड़की की हत्या भी कर देता है।
शांता कुमार ने बड़े आग्रह से कहा है कि दुबई जैसे कुछ अरब देशों में इस प्रकार के अपराध बिलकुल नहीं होते। कारण एक ही है कि उन देशों में सजा बहुत सख्त दी जाती है। सरकार इस बात का ध्यान रखें कि सजा के डर के बिना अपराध रोके नही जा सकते।उन्होंने कहा कि सरकार अति शीघ्र बेटियों के विरुद्ध दुष्कर्म जैसे अपराधों के लिए विशेष अदालतें बनाये। इस प्रकार के दुष्कर्म के लिए कानून बदल कर मृत्यु दंड की सजा हो और अधिक से अधिक छह महीने के अंदर निर्णय हो। इसके बिना राम कृष्ण के देश भारत के माथे पर यह कलंक दूर नहीं होगा।