Shimla Landslide: पोती के जन्मदिन की पूजा करवाने आए थे मंदिर, चंद पलों में पूरा परिवार भयानक हादसे का शिकार
समरहिल के एंदड़ी क्षेत्र में भूस्खलन और बादल फटने जैसी घटना में तबाह हुए शिव बावड़ी मंदिर का इतिहास करीब डेढ़ से दो सौ साल पुराना है। कारोबारी पवन शर्मा का परिवार इस भयानक हादसे का शिकार हो गया है।
शिमला में कारोबारी पवन शर्मा की पोती का जन्मदिन मनाने के लिए समरहिल के शिव बावड़ी में पहुंचा परिवार भयानक हादसे का शिकार हो गया। चंद पलों में ही पवन शर्मा के परिवार की खुशियां मातम में बदल गईं। पवन शर्मा की विक्ट्री टनल के पास दुकान है।
वह अपने परिवार के सात सदस्यों और किरायेदारों के साथ एमआई रूम से शिव बावड़ी मंदिर में पूजा करने आए थे। इसी बीच यह हादसा हो गया। जिसका ये सभी शिकार हो गए। जानकारी के मुताबिक पवन शर्मा अपने सात सदस्यीय परिवार के साथ मंदिर में पोती के जन्मदिन की पूजा करने के लिए आए थे।
चंद पलों में ही इस हादसे ने पूरे परिवार को की खुशियों को तबाह कर दिया। परिवार के सदस्यों में पवन शर्मा, उनकी पत्नी, उनका बेटा अमन, उनकी पत्नी और तीन पोतियां पूजा में गईं थी। इसके अलावा उनके किरायेदार अधिवक्ता हरीश और उनकी सहायक आचार्य पत्नी मान्सी भी पूजा करने के लिए शिव बावड़ी गए थे।
इस हादसे के समय विश्वविद्यालय के प्रो. पीएल शर्मा, उनकी पत्नी, और एक बेटा भी पूजा करने गए थे। बताया जा रहा है कि उनका मंदिर में हवन था। हादसे के समय स्थानीय होटल शिमला हेवन के मालिक और मंदिर कमेटी के सदस्य संजीव ठाकुर, शिमला ग्रीन के मालिक और कमेटी सदस्य अमित ठाकुर, एचपीयू के बायोसाइंस विभाग की लैब अटेंडेंट किरण, बैंक से सेवानिवृत्त अधिकारी शंकर नेगी भी हादसे के समय मंदिर में पूजा करने के लिए पहुंचे थे।
डेढ़ से दो सौ साल पुराना था शिव मंदिर
समरहिल के एंदड़ी क्षेत्र में भूस्खलन और बादल फटने जैसी घटना में तबाह हुए शिव बावड़ी मंदिर का इतिहास करीब डेढ़ से दो सौ साल पुराना है। बताया जाता है कि इसका निर्माण गोरखा शासकों के समय में हुआ था। बावड़ी शिव के लिए समर्पित थी।
मंदिर तपस्या और अराधना के लिए उपयुक्त स्थान था, इसमें नियमित रूप से साधु आते रहते थे। बाद में मंदिर परिसर में बनी बावड़ी हिंदुओं के लिए तीर्थ स्थल बन गया। मंदिर में वर्तमान में मंदिर में पूजा अर्चना का कार्य गढ़वाल के तीन पुजारी करते हैं।
मंदिर की एक अलग कमेटी भी बनी है। मंदिर की बावड़ी को लेकर मान्यता है कि यहां निसंतान दंपती पूजा अर्चना करे तो संतान प्राप्ति होती है। बावड़ी के पानी में भक्त स्नान करने आते हैं। इससे चर्म रोग भी दूर हो जाते हैं। नगर में पूर्व में समरहिल से पार्षद रहे राजीव ठाकुर ने बताया कि शिव बावड़ी मंदिर का इतिहास सौ से डेढ़ सौ साल पुराना है।
भूस्खलन से कालका-शिमला ट्रैक का पुल बहा, हवा में लटकी पटरी
यूनेस्को की ओर से विश्व धरोहर घोषित कालका-शिमला रेलवे ट्रैक को बारिश से भारी नुकसान पहुंचा है। सोमवार सुबह करीब 8:30 बजे एकाएक हुए भूस्खलन के कारण समरहिल और जतोग के बीच स्थित पुल नंबर 800 पूरी तरह ढह गया और पटरी हवा में लटक गई। जगह-जगह भूस्खलन और पेड़ गिरने से शिमला से सोलन तक रेल ट्रैक को भारी नुकसान पहुंचा है।
सोमवार सुबह 8:20 पर तारादेवी और शोघी और दूसरी ओर तारादेवी और जतोग के बीच भारी भूस्खलन हुआ। शिमला रेलवे स्टेशन के पास लोको शेड के पास भी भूस्खलन हुआ। रेल ट्रैक को भारी नुकसान के बाद उत्तर रेलवे अंबाला मंडल ने गाड़ियों का संचालन आगामी 29 अगस्त तक स्थगित कर दिया गया है।