बाढ़ के बाद भूस्खलन बना परेशानी, मलबा गिरने से कुल्लू-मनाली हाइवे प्रभावित; यात्रियों की बढ़ी परेशानी
मलबा गिरने से कुल्लू–मनाली हाइवे प्रभावित; यात्रियों की बढ़ी परेशानी
हिमाचल में इस दौरान बादल फटने और बाढ़ की घटना से जनजीवन बुरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है। इस घटना में मृतकों की संख्या जहां बुधवार 18 थी, अब (गुरुवार) यह संख्या बढ़कर 22 हो गई है। इस आपदा में 30 लोग अभी भी लापता हैं, जिनकी तलाश के लिए सर्च अभियान जारी है।
मंडी-कुल्लू राजमार्ग प्रभावित
वहीं, मंडी से कुल्लू नेशनल हाइवे-21 मील के पास भूस्खलन के कारण रास्ता बंद हो गया है। इससे आम यात्रियों को बड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।भूस्खलन के कारण पर्यटकों को भी दिक्कतों से जूझना पड़ रहा है। रास्ते से मलबा हटाने के लिए जेसीबी मशीनें लगी हुई हैं, क्योंकि रास्ता फिसलन भरा है। इसलिए वाहनों को संभल कर चलाते हुए मार्गों का साफ किया जा रहा है।
अब तक 22 लोगों की मौत
आपदा से तीन जिले कुल्लू, मनाली और शिमला बुरी तरह प्रभावित हैं। लेकिन शिमला के अंतर्गत रामपुर के अंतर्गत आनेवाला गांव समेज को आपदा से सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है।समेज और धड़कोल तथा सुन्नी बांध के आसपास से अब तक 10 शव बरामद कर लिए गए हैं। एक अगस्त को बादल फटने की घटना के बाद से अब तक 22 शव बरामद कर लिए गए हैं। इनमें चार शव शिमला और दो कुल्लू में बरामद हुआ।कुल 22 शवों में से छह शव बुधवार को बरामद किए गए। इनमें चार शव शिमला में और दो कुल्लू में बरामद हो चुके हैं, जिनमें अब तक 12 शवों की पहचान हो चुकी हैं। जिन शवों की शिनाख्त नहीं हो सकी है। उनकी पहचान के लिए पुलिस डीएनए सैंपल ले रही है।
100 से भी ज्यादा सड़कें बंद
प्रदेश में इस दौरान 100 से भी सड़कें बंद हैं। जानकारी के अनुसार, मंडी में 37, शिमला में 29, कुल्लू में 26, कांगड़ा में छह, किन्नौर और लाहौल-स्पीति में चार-चार, सिरमौर में दो और हमीरपुर में एक सहित कुल 109 सड़कें बंद हैं। वहीं, आने वाले दिनों के लिए भी मुश्किलें अभी कम नहीं हुई हैं। मौसम विभाग ने 13 अगस्त तक आठ जिलों के लिए अलर्ट जारी किया है।