भाजपा के नौ विधायक आज देंगे विधानसभा स्पीकर कुलदीप पठाानिया के नोटिस का जवाब
Himachal News: भाजपा के नौ विधायक आज देंगे विधानसभा स्पीकर कुलदीप पठाानिया के नोटिस का जवाब, जानें पूरा मामला
हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में भाजपा के नौ विधायक विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप पठाानिया के सामने पेश होकर उनके नोटिस का जवाब देंगे। विधानसभा की ओर से सभी को प्रिविलेज एंड कंटेप्ट नोटिस मिला था। इन पर आरोप है कि इन्होंने बजट के दौरान सदन में अमर्यादित व्यवहार किया था। जब उन्हें मार्शल ने रोकने का व्यवहार किया था तो उन्होंने उसके साथ भी धक्का-मुक्की की थी।
HIGHLIGHTS
- भाजपा के नौ विधायक आज देंगे नोटिस का उत्तर।
- शिमला में विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप पठाानिया के समक्ष होंगे पेश।
- विधायकों ने बैठक करने के बाद नेता प्रतिपक्ष से की मामले पर चर्चा।
शिमला। शिमला में सोमवार को भाजपा (Himachal BJP) के नौ विधायक विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप पठाानिया (Assembly Speaker Kuldeep Pathania) के समक्ष पेश होंगे और नोटिस का उत्तर देंगे। इन्हें विधानसभा सचिवालय प्रशासन की ओर से प्रिविलेज एंड कंटेप्ट का नोटिस दिया गया था। भाजपा विधायक लिखित के साथ-साथ मौखिक तौर पर भी पक्ष रखेंगे।
इन भाजपा विधायकों ने रविवार को विधानसभा परिसर में अपने निवास पर बैठक की और इसके बाद नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर के साथ रिज मैदान स्थित आशियाना रेस्तरां में चर्चा की। यदि किसी कारण विधानसभा अध्यक्ष शिमला में उपलब्ध नहीं हुए तो वे विधानसभा सचिव यशपाल शर्मा को नोटिस का उत्तर सौंपेंगे।
विधानसभा सचिव की ओर से कांग्रेस (Himachal Congress) विधायक अजय सोलंकी की शिकायत के आधार पर विधायक इंद्र सिंह गांधी, विपिन सिंह परमार, विनोद कुमार, हंसराज, सतपाल सिंह सत्ती, दीपराज, त्रिलोक जम्वाल, लोकेंद्र कुमार व सुरेंद्र शौरी को प्रिविलेज एंड कंटेंप्ट का नोटिस दिया गया था।
अजय सोलंकी की शिकायत पर दिए नोटिस नाहन के कांग्रेस विधायक अजय सोलंकी ने विधानसभा के रूल्स आफ बिजनेस के रूल 79 के अधीन पांच मार्च को शिकायत की थी। शिकायत में कहा गया कि संविधान के अनुच्छेद 194 के तहत सदन में हुडदंग करने के साथ सदन में बीच में बैठने वाले विधानसभा के रिपोर्टरों के कागजात फाड़े थे।
बजट पारित करने वाले दिन 28 मार्च को सदन में अशोभनीय और अमर्यादित व्यवहार किया था। इन विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया के चैंबर के बाहर सुरक्षा कर्मचारियों के साथ धक्का-मुक्की की थी। इसके बाद अगले दिन सदन में इन भाजपा विधायकों ने मार्शल के साथ भी धक्का-मुक्की की। उपरोक्त नियमों के तहत भाजपा के इन विधायकों पर कार्रवाई होनी चाहिए।
यह है मामला
विधानसभा के बजट सत्र के समापन से दो दिन पहले 27 फरवरी को कटौती प्रस्ताव के दौरान मतदान की अनुमति नहीं मिलने पर विपक्ष ने विरोध प्रकट किया। तनातनी की पृष्टभूमि तैयार होने के बाद 28 फरवरी को बजट पारित होने से पहले भाजपा के 15 सदस्यों को निलंबित किए जाने के विरोधस्वरूप सदन में दस्तावेज उछाले गए। इससे एक दिन पहले कटौती प्रस्ताव पर मतदान नहीं करवाए जाने पर गुस्साए विधायक विधानसभा अध्यक्ष के चैंबर में गए थे, वहां पर भी वाद-विवाद हुआ था।