मेरठ में रैपिड एक्स कारिडोर के लिए भूमिगत स्टेशन में लगाई जा रही टाइल्स
RRTS Corridor: दिल्ली-मेरठ रैपिड कॉरिडोर जल्द बनकर हो जाएगा तैयार, जानिए कहां तक पहुंचा काम
RRTS Corridor आरआरटीएस कॉरिडोर के अंतर्गत मेरठ में बनाई गई सुरंग में पटरी बिछाने व उससे संबंधित कार्य तेजी से चल रहा है। भूमिगत स्टेशन व सुरंग निर्माण की जिम्मेदारी संभाल रही कार्यदायी कंपनी एफकांस अगले साल मार्च में पूर्णता प्रमाण पत्र हासिल कर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (एनसीआरटीसी) को हस्तांतरित कर देगी। इसका काम तेजी से चल रहा है।
मेरठ। आरआरटीएस कॉरिडोर के अंतर्गत मेरठ में बनाई गई सुरंग में पटरी बिछाने व उससे संबंधित कार्य तेजी से चल रहा है। वहीं, भूमिगत स्टेशनों का ढांचा निर्माण पूरा होने के बाद टाइल्स, विद्युत उपकरण आदि कार्य शुरू हो गए हैं। काम काफी तेजी से चल रहा है।
भूमिगत स्टेशन व सुरंग निर्माण की जिम्मेदारी संभाल रही कार्यदायी कंपनी एफकांस अगले साल मार्च में पूर्णता प्रमाण पत्र हासिल कर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (एनसीआरटीसी) को हस्तांतरित कर देगी। इसके बाद संबंधित कंपनी का अधिकांश स्टाफ यहां से चला जाएगा। इस कंपनी के कार्यों में ढांचा तैयार करना व उसकी फिनिशिंग शामिल हैं।
पहले ही पूरा हो चुका है सुरंग का काम
सुरंग का निर्माण पहले ही पूरा कर लिया गया था, अब इसमें पटरी बिछाई जा रही है। वहीं पटरी के पास फुटपाथ, विद्युत, सिग्नल, इंटरनेट समेत विभिन्न की तरह की केबल लाइन बनाने का कार्य भी चल रहा है।
यहां लाकर जोड़ी जाती हैं पहले से तैयार पटरियां
इस कॉरिडोर की पटरियां बैलास्टलेस (जिसके नीचे पत्थर नहीं बिछाया जाता) होती हैं। रेलवे की पटरियों के नीचे पत्थर बिछाए जाते हैं। मेट्रो व रैपिड एक्स कॉरिडोर की पटरियां बैलास्टलेस हैं। पटरियों को कंक्रीट ढांचे के साथ शताब्दीनगर स्थित कास्टिंग यार्ड में तैयार किया जाता है। इन्हें वहां से टुकड़ों में लाकर फिर उसे कार्यस्थल पर जोड़ दिया जाता है। इन पटरियों के उखड़ने, खिसकने की आशंका नहीं रहती। दरार पड़ने की आशंका भी नहीं रहती। ये हर मौसम में सुरक्षित रहती हैं।
कहां कितना हुआ काम
- गांधी बाग से बेगमपुल तक : पटरी बिछाई गई, अब इससे संबंधित कार्य जारी हैं।
- बेगमपुल से भैंसाली तक : अधिकांश हिस्से में पटरी बिछाई जा चुकी। इससे संबंधित कार्य जारी हैं।
- भैंसाली से फुटबाल चौक : पटरी बिछाने का कार्य जारी है।
- सुरंग में बिछ रही पटरी, भूमिगत स्टेशनों में लग रही टाइल्स