राजस्थान बजट 2025: मुफ्त बिजली पर संकट, सौर ऊर्जा पर सरकार की योजना

Rajasthan Budget 2025: मुफ्त बिजली पर गहराया संकट, सौर ऊर्जा को दमदार बनाने पर विचार, ये है सरकार की योजना
हिंदी टीवी न्यूज़, राजस्थान Published by: Megha Jain Updated Mon, 17 Feb 2025
राजस्थान सरकार के इस बजट में मुफ्त बिजली योजना को बंद किया जा सकता है, लेकिन इसके बदले सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए सब्सिडी बढ़ाने की योजना बनाई जा रही है। अब सबकी नजरें 19 फरवरी को पेश होने वाले राजस्थान बजट 2025 पर टिकी हैं।
राजस्थान सरकार के बजट 2025 में प्रदेशवासियों के एक बुरी तो एक अच्छी खबर सामने आ सकती है। खबर है कि इस बजट में 100 यूनिट तक मुफ्त बिजली योजना को संकट है। माना जा रहा कि सरकार इसे बंद करने पर विचार कर सकती है। केंद्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी ने हालिया बयान में इस ओर इशारा किया था। उन्होंने साफ कहा था कि राजनीतिक लाभ के लिए राज्यों को फ्री बिजली की रेवड़ियां बांटना बंद करना चाहिए। इस कारण राज्य सरकार के सामने यह चुनौती खड़ी हो गई है कि वह इस योजना को जारी रखे या ऊर्जा संकट से निपटने के लिए कोई नया विकल्प तलाशे। इसलिए अंदेशा है कि मुफ्त बिजली योजना संकट में है।
क्या सौर ऊर्जा बनेगी समाधान?
विशेषज्ञों का मानना है कि मुफ्त बिजली योजना का भार कम करने के लिए सरकार सौर ऊर्जा को प्रोत्साहित कर सकती है। सूत्रों के अनुसार, ऊर्जा विभाग ने बजट में अतिरिक्त सब्सिडी देने का प्रस्ताव रखा है, जिससे रूफटॉप सोलर प्रोजेक्ट्स को बढ़ावा दिया जाएगा। उम्मीद है कि यह घोषणा 19 फरवरी को पेश होने वाले बजट में की जा सकती है। वित्त मंत्री दीया कुमारी ने पहले ही संकेत दिया था कि 2025-26 का बजट ग्रीन एनर्जी पर केंद्रित होगा। इससे स्पष्ट होता है कि राज्य सरकार मुफ्त बिजली योजना की जगह अक्षय ऊर्जा समाधान पर जोर देगी।
राजस्थान में सौर ऊर्जा की स्थिति
राजस्थान औद्योगिक सौर ऊर्जा के क्षेत्र में देशभर में सबसे आगे है, लेकिन घरेलू रूफटॉप सोलर के मामले में पिछड़ा हुआ है। राज्य सरकार का लक्ष्य 2026 तक पांच लाख घरों में रूफटॉप सोलर पैनल लगाना है। अभी तक राजस्थान में सिर्फ 26,000 घरों में ही रूफटॉप सोलर स्थापित किए गए हैं।
रूफटॉप सोलर: लागत और सब्सिडी
रूफटॉप सोलर सिस्टम की कुल लागत लगभग एक लाख प्रति 2 किलोवाट है। जानकारों के अनुसार आने वाले समय में इसकी कीमत बढ़कर 1.1-1.2 लाख रुपये होने की संभावना है। केंद्र सरकार की मौजूदा सब्सिडी 60 हजार रुपये प्रति 2 किलोवाट और राज्य सरकार की प्रस्तावित अतिरिक्त सब्सिडी 20 हजार प्रति 2 किलोवाट है। इस हिसाब से कुल सब्सिडी 80 हजार रुपये होती है। यानी कुल लागत का लगभग 80 प्रतिशत।
सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने की रणनीति
अक्षय ऊर्जा संघ राजस्थान (आरईएआर) के अध्यक्ष अजय यादव का कहना है कि रूफटॉप सोलर प्रोजेक्ट्स को सफल बनाने का एकमात्र तरीका यह है कि सरकार कुल लागत का लगभग 80 प्रतिशत सब्सिडी दे, जिससे यह लगभग मुफ्त हो जाए। इससे लोग खुद सौर ऊर्जा में निवेश करने के लिए प्रेरित होंगे। जब लोगों को मुफ्त में बिजली मिल रही हो, तो वे खुद सौर ऊर्जा में निवेश क्यों करेंगे? इसी वजह से सरकार अब घरेलू सौर ऊर्जा को बढ़ावा देकर मुफ्त बिजली योजना पर खर्च कम करना चाहती है।