विरोध के बाद हिमाचल सरकार ने वापस ली कर्मचारियों को एरियर के भुगतान की अधिसूचना
Himachal: विरोध के बाद हिमाचल सरकार ने वापस ली कर्मचारियों को एरियर के भुगतान की अधिसूचना
राज्य सचिवालय कर्मचारी महासंघ समेत कई संगठनों ने एरियर के तरीके पर एतराज जताया। वित्त विभाग ने आज इस मामले पर बैठक बुला ली है।
कर्मचारियों और पेंशनरों के रोष और कर्मचारी संघों के विरोध के बाद राज्य सरकार ने एरियर भुगतान से संबंधित दोनों अधिसूचनाएं दूसरे दिन ही वापस ले ली हैं। मंगलवार को राज्य सचिवालय कर्मचारी महासंघ समेत कई संगठनों ने एरियर के तरीके पर एतराज जताया। वित्त विभाग ने आज इस मामले पर बैठक बुला ली है। राज्य सरकार ने सोमवार को प्रदेश के कर्मचारियों और पेंशनरों को छठे वेतन आयोग का एरियर देने के आदेश जारी किए थे। नए वित्त वर्ष में कुल एरियर का साढ़े चार फीसदी भुगतान किया जाना था। यह एक जनवरी 2016 से दिया जाना है। इसमें डेढ़ प्रतिशत की अदायगी मार्च में की जानी थी।
इसके बाद हर माह 0.25 प्रतिशत से अधिक एरियर की अदायगी नहीं की जानी थी। एरियर वेतन और पेंशन के साथ दिया जाना था। महंगाई भत्ते के एरियर का भुगतान भी डेढ़ प्रतिशत प्रति माह कर दर से किया जाना था। इस पर कर्मचारी संघों को एतराज था। प्रधान संजीव शर्मा की अध्यक्षता में हुई बैठक में वेतन पुनरीक्षण एवं महंगाई भत्ते की बकाया राशि की अदायगी के निर्धारित मापदंडों पर महासंघ ने रोष जताया। संजीव शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने अधिकारियों को विवादित अधिसूचना वापस लेने के आदेश दिए।
वेतन एरियर की अदायगी में लगने थे 33 साल
संजीव महासंघ के प्रधान संजीव शर्मा ने कहा कि इस अधिसूचना के अनुसार वेतन एरियर की अदायगी के लिए लगभग 33 वर्ष और महंगाई भत्ते की अदायगी के लिए लगभग 5 वर्ष का समय लगना था।