सरकार की सख्ती, प्रतिनियुक्ति से वापस बुलाए 55 इंजीनियर-कर्मी, न लौटने पर तनख्वाह होगी बंद
सरकार की सख्ती, प्रतिनियुक्ति से वापस बुलाए 55 इंजीनियर-कर्मी
कर्मचारियों की कमी के चलते सरकार ने जल शक्ति विभाग से शिमला जल प्रबंधन निगम लिमिटेड (एसजेपीएनएल) समेत अन्य निगमों में प्रतिनियुक्ति पर गए सभी इंजीनियर और कर्मचारी वापस बुला लिए हैं। मंत्रियों और नेताओं से डीओ नोट लेकर 55 इंजीनियर और कर्मचारी प्रतिनियुक्ति पर गए हैं।
शिमला मुख्य कार्यालय ही नहीं, जिला कार्यालय से भी इंजीनियर और कर्मचारी निगमों में गए हैं। कइयों ने तो अगले आदेशों तक के डीओ नोट लगा रखे हैं। अगर इंजीनियर-कर्मी अपने विभाग में नहीं लौटते हैं तो जहां वे सेवाएं दे रहे हैं, उन्हें उनकी तनख्वाह बंद करने के लिए कहा जाएगा। वहीं, विभाग इनकी पदोन्नति भी रोकेगा। एक हफ्ते में उन्हें जल शक्ति विभाग में ड्यूटी ज्वाइन करने के आदेश दिए गए हैं। जल शक्ति विभाग में कर्मचारियों की कमी के चलते हालत यह हो गई कि फील्ड में एक इंजीनियर व कर्मचारी दो-दो सीटों के चार्ज संभाले हुए हैं। टेबल से विकास कार्यों की फाइलें आगे नहीं बढ़ पा रही हैं। कर्मचारी घर के पास ही सेवाएं देना चाहते हैं। न लौटने और लौटने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों की रिपोर्ट सरकार ने मांगी है। कई इंजीनियरों को बाहर तीन साल से ज्यादा का समय हो चुका है। कई इंजीनियर हर साल अपना डेपुटेशन रिन्यू करा देते हैं। जल शक्ति विभाग में कई सालों से सिलसिला चल रहा है।
‘न लौटने पर तनख्वाह होगी बंद, पदोन्नति भी रुकेगी‘
जल शक्ति विभाग में कर्मचारियों की भारी कमी है और कइयों पर काम का अतिरिक्त बोझ है, ऐसे में प्रतिनियुक्त पर गए सभी इंजीनियर और कर्मचारी वापस बुला लिए हैं। इंजीनियर इन चीफ को इस बारे में सख्त निर्देश जारी कर दिए गए हैं। विभाग में न लौटने वालों के खिलाफ ठोस कार्रवाई होगी