हाईकोर्ट ने शिक्षा विभाग में बीआरसीसी भर्ती प्रक्रिया पर लगाई रोक
Shimla: हाईकोर्ट ने शिक्षा विभाग में बीआरसीसी भर्ती प्रक्रिया पर लगाई रोक, मुख्य न्यायाधीश ने आदेश किया पारित
प्रदेश हाईकोर्ट ने शिक्षा विभाग में बीआरसीसी भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगा दी है। मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने मायाराम शर्मा व अन्यों द्वारा दायर याचिका की प्रारंभिक सुनवाई के बाद यह आदेश पारित किया। याचिका में दिए तथ्यों के अनुसार प्रार्थीगण 21 वर्ष से अधिक समय से जेबीटी के पद पर कार्य कर रहे हैं। इसके अतिरिक्त उन्होंने 5 वर्ष तक बतौर बीआरसीसी कार्य किया है।
शिमला। प्रदेश हाईकोर्ट ने शिक्षा विभाग में बीआरसीसी भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगा दी है। मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने मायाराम शर्मा व अन्यों द्वारा दायर याचिका की प्रारंभिक सुनवाई के बाद यह आदेश पारित किया। याचिका में दिए तथ्यों के अनुसार प्रार्थीगण 21 वर्ष से अधिक समय से जेबीटी के पद पर कार्य कर रहे हैं। इसके अतिरिक्त उन्होंने 5 वर्ष तक बतौर बीआरसीसी कार्य किया है।
प्रार्थियों ने 18 अक्टूबर 2023 को जारी उस अधिसूचना को चुनौती दी है जिसके तहत शिक्षा विभाग बीआरसीसी यानी ब्लॉक रिसोर्स सेंटर कोऑर्डिनेटर के लिए फिर से भर्ती करने जा रहा है। प्रार्थियों की दलील है कि उन्हें 5 साल से अधिक समय बतौर ब्लॉक रिसोर्ट सेंटर कोऑर्डिनेटर कार्य करने के बावजूद अयोग्य करार दे दिया गया है। जो गैर कानूनी है और भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14 का सरासर उल्लंघन है।
कोर्ट ने प्रथम दृष्टया इस अधिसूचना को कानूनी तौर पर भेदभावपूर्ण पाते हुए इस अधिसूचना के अनुरूप की जा रही अगली कार्यवाही पर अंतरिम रोक लगा दी है। मामले पर सुनवाई 28 फरवरी 2024 को निर्धारित की है। प्रदेश हाई कोर्ट ने अतिरिक्त मुख्य सचिव शिक्षा, शिक्षा मंत्रालय केंद्र सरकार, स्टेट प्रोजेक्ट ऑफिस समग्र शिक्षा व निर्देशक उच्चतर शिक्षा को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है।