हिमाचल ने अपने कंधों पर ली बढ़ते प्रदूषण को कम करने की जिम्मेदारी
हिमाचल ने अपने कंधों पर ली बढ़ते प्रदूषण को कम करने की जिम्मेदारी, 2026 तक बनाएंगे हरित राज्य; पढ़ें क्या है सुक्खू सरकार का प्लान
हिमाचल प्रदेश सरकार ने वाहनों के बढ़ते प्रदूषण को भी कम करने की जिम्मेदारी अपने कंधों पर ली है। सरकार ने पांच सौ इलेक्ट्रिक कारें खरीदने का निर्णय लिया है। जिससे बेरोजगारों को स्वरोजगार का साधन प्राप्त होगा। खरीदी जाने वाली ये इलेक्ट्रिक कारें पचास फीसदी उपदान पर बेरोजगारों को प्रदान की जाएंगी। सरकार ने वर्ष 2026 तक हिमाचल को हरित राज्य बनाने का पहाड़ जैसा लक्ष्य लिया है।
HIGHLIGHTS
- हिमाचल ने अपने कंधों पर ली बढ़ते प्रदूषण को कम करने की जिम्मेदारी
- 2026 तक बनाएंगे हरित राज्य
- सरकारी विभागों में भी सेवाएं देंगी इलेक्ट्रिक कारें
शिमला। Himachal News: देश के उत्तर भारत के लिए ऑक्सीजन सिलेंडर का काम करने वाला हिमालय के अंचल में बसा हिमाचल मैदानी राज्यों को वर्ष भर पर्याप्त पानी भी जुटाता है। लेकिन वाहनों के बढ़ते प्रदूषण को भी कम करने की जिम्मेदारी अपने कंधों पर ली है और पर्वतीय राज्य की ओर से उठाए गए उत्साहवर्धक कदमों से दूसरे राज्यों को अनुसरण करना चाहिए।
पर्यावरण विभाग बना देश का चौथा हरित विभाग
प्रदेश सरकार ने पर्यावरण संरक्षण को लेकर संवेदनशीलता परिचय दिया है। इसी संदर्भ को दृष्टिगत रखते हुए सरकार का पर्यावरण विभाग देश का चौथा हरित विभाग बन गया है। जिसने डीजल से चलने वाली सभी कारों को हटाकर इलेक्ट्रिक कारों का उपयोग शुरू किया है।
बेरोजगारों को मिलेगा रोजगार का साधन
प्रदेश सरकार ने इस दिशा में ऐसा कदम उठाया है, जिससे बेरोजगारों को स्वरोजगार का साधन प्राप्त होगा तो सरकारी विभागों के लिए वाहन खरीदने की आवश्यक्ता खत्म होगी। सरकार ने पांच सौ इलेक्ट्रिक कारें खरीदने का निर्णय लिया है।
सरकारी विभागों में भी सेवाएं देंगी इलेक्ट्रिक कारें
खरीदी जाने वाली ये इलेक्ट्रिक कारें पचास फीसदी उपदान पर बेरोजगारों को प्रदान की जाएंगी। यही इलेक्ट्रिक कारें सरकारी विभागों में सेवाएं देंगी, ऐसा करने से बेरोजगारों को रोजगार भी प्राप्त होगा और पर्यावरण संरक्षण का लक्ष्य भी सधेगा।
2026 तक हिमाचल को बनाएंगे हरित राज्य
विषम परिस्थितियों वाले पहाड़ी राज्य की सरकार ने वर्ष 2026 तक हिमाचल को हरित राज्य बनाने का पहाड़ जैसा लक्ष्य लिया है। इलेक्ट्रिक वाहनों का उपयोग बढ़ाने के साथ-साथ सौर ऊर्जा का उत्पादन करने के लिए किसानों और सामान्य लोगों को प्रेरित किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री इलेक्ट्रिक कार से करते हैं स्थानीय दौरा
प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू जब भी शिमला में होते हैं तो शहर के स्थानीय दौरे पर निकलने के लिए इलेक्ट्रिक कार का उपयोग करते हैं। वैसे तो सरकार ने वर्ष 2019 में इलेक्ट्रिक कार खरीद ली थी, लेकिन ये कार चली नहीं। प्रदेश में सत्ता परिवर्तन होने के बाद मुख्यमंत्री सुक्खू ने इस कार का स्वयं उपयोग करना शुरू किया। इसका ये लाभ हुआ कि शहर में 310 लोग इलेक्ट्रिक कारों का उपयोग कर रहे हैं।
सरकार का निर्णय अब इलेक्ट्रिक कारें ही खरीदी जाएंगी
सरकार ने निर्णय लिया है कि प्रत्येक सरकारी विभाग में अब केवल इलेक्ट्रिक कारों की खरीद होगी। सामान्य प्रशासन विभाग ने सचिवालय के लिए पांच कारों की खरीद कर ली है। इसी तरह से राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने भी डीजल की कारों को हटाकर इलेक्ट्रिक कारों का उपयोग शुरू किया है।
शिमला, मनाली में चलती है प्रदूषण रहित बसें
राजधानी शिमला और मशहूर पर्यटन स्थल मनाली में प्रदूषण को कम करने के लिए इलेक्ट्रिक बसों का चलन शुरू किया है। इन दोनों स्थानों में इस समय 300 इलेक्ट्रिक बसें लोगों और पर्यटकों को यात्रा करवाती हैं। इसके अतिरिक्त सरकार ने राज्य पथ परिवहन निगम में डीजल की एक हजार बसों की जगह इलेक्ट्रिक बसों को सड़कों पर उतारने का निर्णय लिया है। इस संबंध में इलेक्ट्रिक बस निर्माता कंपनियों को बसों की आपूर्ति करने का आर्डर दिया जा चुका है।
घर की छत पर सौर ऊर्जा पैदा करो और आय भी जुटाओ
ऐसा नहीं है कि कड़ी मेहनत करके ही धन कमाया जा सकता है, प्रदेश में 3.057 मेगावाट क्षमता के ग्रिड कनेक्टेड रुफ टॉप सौर पावर प्लांट स्थापित किए गए हैं। जिनसे अपने घर में तो नि:शुल्क बिजली जलाओ और बच जाए तो आय भी कमाओ। इसके अतिरिक्त आफ ग्रिड सौर ऊर्जा संयंत्र भी लोग उपयोग रहे हैं। ऊना जिला के तहत आने वाले पेखुबेला में 220 करोड़ की लागत से 32 मेगावाट क्षमता का सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित होगा।
हरित राज्य के लिए सरकार ने उठाए कई कदम
प्रदेश ने हरित राज्य बनने की दिशा में एक साथ कई कदम उठाए हैं। सबसे पहले परिवहन विभाग के डीजल वाहनों को हटाकर इलेक्ट्रिक वाहनों में तबदील किया। इसके बाद शीघ्रता से नीति निर्धारण करके हरित राज्य बनने की दिशा में कदम उठाते हुए नीति दी। जिससे सरकारी विभागों में उपयोग होने वाले इलेक्ट्रिक वाहनों का रास्ता निकला। -अनुपम कश्यप, निदेशक राज्य परिवहन विभाग।
हरित राज्य बनाने का लक्ष्य पहले ही होगा प्राप्त
वैसे तो हरित राज्य बनने के लिए हमने वर्ष 2026 तक का लक्ष्य रखा है, लेकिन जिस तरह से सरकार ने एक के बाद एक कदम उठाए हैं, उससे हम हरित राज्य बनने का लक्ष्य पहले प्राप्त कर लेंगे। इलेक्ट्रिक वाहन आ रहे हैं, तो सौर ऊर्जा का उत्पादन करने की ओर लोगों को प्रेरित किया जा रहा है।-प्रबोध सक्सेना, मुख्य सचिव।