हिमाचल: बागवानों ने बेचा सेब; बदले में हिमफेड से मिल रहा सीमेंट
हिमाचल: बागवानों ने बेचा सेब; बदले में हिमफेड से मिल रहा सीमेंट
हजारों सेब बागवानों को प्रदेश सरकार हिमफेड के माध्यम से खाद, कीटनाशकों और पैसों के भुगतान के बदले सीमेंट ले जाने का विकल्प दे रही है।
हिमाचल के हजारों सेब बागवानों को प्रदेश सरकार हिमफेड के माध्यम से खाद, कीटनाशकों और पैसों के भुगतान के बदले सीमेंट ले जाने का विकल्प दे रही है। बताया जा रहा है कि अकेले हिमाचल में हजारों बागवानों को हिमफेड की करीब 46 करोड़ रुपये की देनदारी है। सरकार ने अभी हिमफेड को 11 करोड़ रुपये का बजट जारी किया है, लेकिन हिमफेड की उपकरणों समेत अन्य देनदारियां खड़ी हैं। बागवान हर साल हिमफेड के केंद्रों में सेब बेचते हैं।
अब बागवान केंद्रों में पैसे मांगने जा रहे हैं तो उन्हें भुगतान के बदले सीमेंट ले जाने के लिए हिमफेड प्रबंधन कह रहा है। इसका बागवान एतराज जता रहे हैं। बागवानों का तर्क है कि उन्हें बगीचों में बागवानी संबंधी कीटनाशकों, खाद की जरूरत रहती है। जबकि हिमफेड प्रबंधन उन्हें सीमेंट ले जाने को कह रहा है। अकेले मंडी जिले में 2022 में थुनाग और जंजैहली हिमफेड सेंटरों में 204 और 2023 में 103 सेब बागवान ऐसे हैं, जिनको अभी तक हिमफेड सेब की फसल का भुगतान नहीं कर पाया है।
सेब बागवान बार बार हिमफेड के केंद्रों में भुगतान को लेकर पहुंच रहे हैं। उन्हें सीमेंट ले जाने के लिए कहा जा रहा है, जो बागवान लेना नहीं चाहते। बागवानों में पुरषोत्तम, डोले राम, गंगा, खूब राम, धर्म सिंह, दामोदर, पलस राम, नंद लाल, हेम सिंह, लाल सिंह, गोपाल, दलीप व भीम सिंह ने बताया कि उन्हें हिमफेड सेब के भुगतान के बदले सीमेंट ले जाने को कह रहा है। सीमेंट की उन्हें जरूरत नहीं। सिराज घाटी फल सब्जी उत्पादक संघ के उपाध्यक्ष तेज सिंह ठाकुर ने बताया कि सिराज घाटी के थुनाग और जंजैहली के सैंकड़ों बागवान हिमफेड केंद्रों में पहुंच रहे हैं। उन्हें निराश लौटना पड़ रहा है। संवाद
हिमफेड के क्षेत्रीय प्रबंधक शेष राम ने बताया कि हिमफेड के केंद्रों पर कैल्शियम नाइट्रेट और न्यूट्री प्लस के अलावा जैविक खाद उपलब्ध है। जिनको बागवान प्रयोग में ला सकते हैं। हिमफेड के विपणन सहायक साहिल कुमार ने कहा कि प्रदेश सरकार के निर्देशों पर खाद, कीटनाशकों और भुगतान के विकल्प के रूप में बागवानों को हिमफेड सीमेंट दे रहा है। उन्होंने बताया कि आवश्यक नहीं है कि बागवान सीमेंट ही लें।