हिमाचल में बारिश के कहर से दो महीने में 139 मौतें, अब तक 1139 करोड़ का नुकसान और 56 सड़कें बंद
हिमाचल में बारिश के कहर से दो महीने में 139 मौतें
हिमाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों में गुरुवार को हल्की बारिश हुई, जिसके कारण प्रदेश में 56 सड़कें बंद हैं। वहीं, मौसम विभाग ने 25 से 28 अगस्त तक के बीच भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। मौजूदा समय में हिमाचल प्रदेश में बाढ़ और भूस्खलन (Himahcal Pradesh Landslide) के कारण जनजीवन बुरी तरह से प्रभावित है।
दो महीनों में 139 मौत: SEOC
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र (SEOC) के अनुसार, 27 जून से मानसून सीजन की शुरुआत के बाद से अब तक बारिश से संबंधित घटनाओं में 139 लोगों की मौत हो चुकी है और राज्य को 1,195 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। वहीं प्रदेश में बारिश के कारण सड़कों के बंद होने का दौर भी जारी है।गुरुवार को बारिश के बाद 56 सड़कें बंद हो गईं। प्रदेश के जिलों में सबसे ज्यादा (18) सड़कें मंडी में बंद हैं, इसके बाद शिमला में 13, कुल्लू में 11, कांगड़ा में 10, किन्नौर में दो और ऊना और सिरमौर में एक-एक बार सड़कें बंद हैं।आपातकालीन परिचालन केंद्र ने कहा कि बारिश के कारण राज्य में 10 बिजली और पांच जल आपूर्ति योजनाएं भी बाधित हो गई हैं। स्थानीय मौसम कार्यालय ने रविवार से राज्य के अलग-अलग स्थानों में भारी बारिश, तूफान और बिजली गिरने का ‘येलो’ अलर्ट जारी किया है।
मदद के लिए आगे आई राज्य सरकार
वहीं, आपदा में अपना घर बार गवां चुके लोगों को राज्य सरकार राहत देगी। राज्य सरकार ने इसके लिए मंत्रिमंडल उप समिति का गठन किया है।राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी को इस समिति का अध्यक्ष बनाया गया है। जबकि पंचायती राज एवं ग्रामीण विकास विभाग मंत्री अनिरूद्ध सिंह व तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी कमेटी में सदस्य हैं। विशेष सचिव राजस्व इस कमेटी के सदस्य सचिव होंगे।बीते सप्ताह आयोजित राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में इसको लेकर विस्तृत चर्चा की गई थी। सरकार उन परिवारों को राहत देने के लिए आगे आई है, जिनके मकान तबाह हुआ हैं। उनके लिए सरकार 1 अगस्त से 31 अक्टूबर, 2024 तक तीन महीने की अवधि के लिए शहरी क्षेत्रों में 10 हजार रुपये और ग्रामीण क्षेत्रों में 5 हजार रुपये प्रतिमाह किराए पर आवासीय सुविधा के लिए प्रदान करेगी।इसी के साथ मुफ्त राशन, एलपीजी सिलेंडर, बर्तन और बिस्तर भी उपलब्ध करवाने का निर्णय लिया गया है। इसके अतिरिक्त, प्रभावित परिवारों को 50 हजार रुपये की तत्काल वित्तीय सहायता वितरित की जाएगी।