हिमाचल: वासुकी और सांगला झील का आकार बढ़ा, बाढ़ का खतरा

Himachal: वासुकी और सांगला झील का आकार बढ़ा… बाढ़ का खतरा
हिंदी टीवी न्यूज़, शिमला Published by: Megha Jain Updated Sat, 22 Feb 2025
झीलों से मणिकर्ण वैली की पार्वती और किन्नौर की बस्पा नदी में बाढ़ का खतरा बन गया है। हालांकि, अभी ये झीलें पूरी तरह सुरक्षित हैं और इनमें कोई लीकेज नहीं पाई गई है।
ग्लेशियरों के पिघलने व जलवायु परिवर्तन से कुल्लू जिले की वासुकी और किन्नौर की सांगला झील का आकार बढ़ गया है। इन झीलों से मणिकर्ण वैली की पार्वती और किन्नौर की बस्पा नदी में बाढ़ का खतरा बन गया है। हालांकि, अभी ये झीलें पूरी तरह सुरक्षित हैं और इनमें कोई लीकेज नहीं पाई गई है। ग्लेशियरों और झीलों के सर्वे की रिपोर्ट से इसका खुलासा हुआ है। यह रिपोर्ट मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने शुक्रवार को जारी की। इस सर्वे के तहत झीलों की गहराई और ग्लेशियरों के आकार को मापने के साथ-साथ सामरिक महत्व की सड़कों पर भूस्खलन के जोखिम का भी अध्ययन किया गया।
कुल्लू जिले के सोसन में 4,500 मीटर ऊंचाई पर स्थित वासुकी झील और किन्नौर के सांगला में 4,710 मीटर ऊंचाई पर सांगला झील की सर्वे रिपोर्ट सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ एडवांस कंप्यूटिंग के वैज्ञानिकों-इंजीनियरों ने अध्ययन के बाद तैयार की है। ये दोनों झीलें बदलते मौसम, जलवायु परिवर्तन और ग्लेशियरों के पिघलने से बनी हैं। वासुकी झील की परिधि 1.65 किमी की है। इसकी अधिकतम गहराई 36.91 मीटर और औसत 14.48 मीटर है। 2017 से 2024 के बीच वासुकी झील का क्षेत्रफल 3.02 हेक्टेयर बढ़ गया है। 2017 में वासुकी का क्षेत्रफल 10.36 हेक्टेयर था। झील में 2.16605135 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी है।