Himachal CM: मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू बोले- बिजली की शेड्यूलिंग से हर साल होगी 200 करोड़ की आय
हिमाचल प्रदेश को विद्युत की शेड्यूलिंग और बेहतर लेखा प्रबंधन से प्रतिवर्ष लगभग 200 करोड़ रुपये की आय होगी। केंद्रीय विद्युत नियामक आयोग ने विद्युत उत्पादन केंद्रों से मुफ्त विद्युत की शेड्यूलिंग और लेखा प्रबंधन को व्यवस्थित करने के लिए नई प्रक्रिया को स्वीकृति प्रदान की है। यह प्रक्रिया 9 अगस्त से लागू हो जाएगी। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने रविवार को जारी बयान में कहा कि नई प्रक्रिया के लागू होने के बाद प्रदेश को सेंटर सेक्टर की विद्युत परियोजनाओं से अपनी आधिकारिक मुफ्त बिजली के हिस्से को सीधे उत्पादन केंद्र से बस बार आधार पर बेचने का अधिकार प्राप्त होगा, जिससे विद्युत की सटीक शेड्यूलिंग और लेखांकन हो पाएगा।सीधे उत्पादन केंद्र से अपने हिस्से की बिजली बेचने से ट्रांसमिशन शुल्क की बचत होगी और अन्य कई तरह के नुकसान भी न्यूनतम होंगे। हिमाचल में अनेक परियोजनाएं दशकों से कार्यशील हैं। इस प्रक्रिया के लागू होने से राजस्व बचत भी होगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार आय सृजन के साधनों को बढ़ाने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है। संसाधनों की बचत और उनके कुशल प्रबंधन के लिए हर स्तर पर प्रयास किया जा रहे हैं।
पावर कट से भी मिलेगी राहत
सुक्खू ने कहा कि विद्युत प्रबंधन की इस नई प्रक्रिया के लागू होने से नाथपा-झाकड़ी और रामपुर विद्युत परियोजनाओं में गाद की समस्या आने के दौरान प्रदेश को विद्युत कट का सामना भी नहीं करना पड़ेगा, क्योंकि इस दौरान राज्य अपने शेड्यूल को संशोधित नहीं कर सकता है। प्रदेश सरकार इस प्रक्रिया को लागू करने की निरंतर पैरवी कर रही थी। सीईआरसी विनयमन के अनुसार प्रदेश के लिए आवंटित जनरल नेटवर्क एक्सेस 1130 मेगावाट है। इस सीमा के उपरांत हिमाचल प्रदेश अंतर राज्य उत्पादन केंद्रों से विद्युत का शेड्यूल नहीं कर सकता है, जिससे विद्युत की कटौती होती है।
पिछले वर्ष की इस अवधि के मुकाबले 300 करोड़ की अधिक आय हुईसीएम ने कहा कि राज्य में प्रदेश ऊर्जा प्रबंधन केंद्र हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड लिमिटेड, हिमाचल प्रदेश पावर कार्पोरेशन और ऊर्जा विभाग के विद्युत प्रबंधन करने की एकल ट्रेडिंग एजेंसी के रूप में कार्य कर रहा है। यह केंद्रीय विद्युत नियामक आयोग और अन्य एजेंसियों से बेहतर समन्वय स्थापित कर रहा है, जिसके परिणामस्वरूप राज्य में विद्युत प्रबंधन व आय सृजन संसाधनों में निरंतर सुधार सुनिश्चित हो रहा है। हिमाचल प्रदेश ऊर्जा प्रबंधन केंद्र की ओर से अप्रैल 2024 से जुलाई 2024 तक विद्युत विक्रय से पिछले वर्ष की इस अवधि के मुकाबले सरकार को 300 करोड़ रुपये की अधिक आय हुई है।