Himachal News: हिमाचल में प्रदूषण प्रमाणपत्र बनवाने पर लगेगा ग्रीन टैक्स
Himachal News: हिमाचल में प्रदूषण प्रमाणपत्र बनवाने पर लगेगा ग्रीन टैक्स, जल्द जारी हो सकती है अधिसूचना
हिंदी टीवी, शिमला Published by: Megha jain Updated Fri, 04 Oct 2024
हिमाचल प्रदेश में प्रदूषण प्रमाणपत्र बनवाने पर जल्द वाहन मालिकों से सरकार ग्रीन टैक्स वसूल सकती है। सूत्र बताते हैं कि सरकार जल्द इसको लेकर अधिसूचना जारी कर सकती है।
हिमाचल में प्रदूषण प्रमाणपत्र बनवाने पर अब वाहन मालिकों से सरकार ग्रीन टैक्स वसूल करने की तैयारी में है। ग्रीन टैक्स वसूल किए जाने से प्रमाणपत्र की फीस 20 से 40 रुपये तक बढ़ सकती है। सूत्र बताते हैं कि सरकार जल्द इसको लेकर अधिसूचना जारी कर सकती है। वाहन मालिकों से प्रदूषण प्रमाणपत्र बनाने के एवज में वसूल किया जाना वाला ग्रीन टैक्स पर्यावरण संरक्षण और सड़क सुरक्षा पर खर्च होगा।
जानकारी के मुताबिक दो पहिया और तिपहिया वाहनों के लिए 20 रुपये, चार पहिया के लिए 30 रुपये और डीजल वाहनों के लिए 40 रुपये ग्रीन टैक्स की दरें प्रस्तावित है। मोटर वाहन अधिनियम 1988 की धारा 190 (2) के तहत ईंधन से चलने वाले सभी वाहनों के लिए वैध प्रदूषण प्रमाणपत्र होना अनिवार्य है। प्रमाण पत्र न होने पर वाहन का चालान हो सकता है। नए वाहन का प्रदूषण प्रमाणपत्र एक साल के लिए वैध होता है। नवीनीकरण करने के बाद प्रदूषण प्रमाणपत्र 6 माह के लिए वैध रहता है।
अभी ये हैं दरें
प्रदेश में अभी दोपहिया और तीन पहिया वाहन का प्रदूषण प्रमाणपत्र 80 रुपये में बनता है। जबकि चार पहिया वाहन का प्रमाणपत्र बनवाने के 110 रुपये लगते हैं। वहीं, डीजल वाहनों का प्रदूषण प्रमाणपत्र 110 रुपये में बनता है। अगर ग्रीन टैक्स की प्रस्तावित दरें लागू हो जाती हैं तो सभी प्रदूषण प्रमाणपत्र बनवाने की फीस में 20 से 40 रुपये की बढ़ोतरी हो जाएगी।