हरियाणा में सर्दी का सितम: अंबाला में दो बसों को रैन बसेरा बनाया
हरियाणा में सर्दी का सितम: अंबाला में दो बसों को रैन बसेरा बनाया; गीले गद्दे, खुली खिड़कियों और कंबल भी नहीं
हिंदी टीवी न्यूज़, अंबाला (हरियाणा) Published by: Megha Jain Updated Mon, 30 Dec 2024
अंबाला कैंट बस स्टैंड के बाहर लाखों की लागत से तैयार रैनबसेरे में पहुंचे तो एक हॉल में पुलिस की टुकड़ी नजर आई। दूसरी तरफ 10 यात्री बेड पर थे। कर्मचारी ने बताया कि पुलिस की टुकड़ी कई माह से यहीं है। इस टुकड़ी में 40 जवान हैं।
सर्दी का सितम बढ़ रहा है। रात का तापमान 10 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है। प्रशासन की ओर से बेसहारा और यात्रियों के लिए रैनबसेरों की व्यवस्थाएं की है। छावनी और शहर के रैनबसेरों की जब शनिवार देररात अमर उजाला टीम ने पड़ताल की तो परिणाम चाैंकाने वाले थे। अंबाला कैंट बसेरे में पुलिस की टुकड़ी का ठहराव मिला और लोग बस शेल्टरों के नीचे सो रहे थे। अंबाला सिटी बस स्टैंड पर दो बसों में चल रहे बसेरे में गद्दे और कंबल तक नहीं थे। यहां तक कि फुटपाथ पर सोने वालों को जागरूक करने के लिए भी कोई कर्मचारी नहीं थे।
सिटी के बस स्टैंड पर विभाग की ओर से दो बसों को रैन बसेरा बनाया है। शनिवार रात साढ़े आठ बजे अमर उजाला की टीम ने जब व्यवस्थाएं जांची तो देखा कि यहां खड़ी एक बस में न तो गद्दे बिछे हैं और औढ़ने के लिए कंबल है। ठंडी हवाओं को रोकने के लिए बस में लगी खिड़कियां तक टूटी मिली। दूसरी बस में गए तो वहां गद्दे तो बिछे थे लेकिन गीले थे। यहां तक कि किसी भी कर्मचारी की ड्यूटी तक नहीं लगी है।
खुले में सोने के लिए मजबूर हैं लोग
शनिवार रात करीब नौ नाै शहर की कपड़ा मार्केट के पास और सिटी रेलवे स्टेशन के मुख्य द्वार पर कई लोग सोते नजर आए। इसके साथ ही बाजार में बंद दुकानों के बाहर लोग कंबल औढ़ते दिखाई दिए। ऐसे में रैन बसेरे का कोई लाभ दिखाई नहीं दे रहा है।
कोई सोने के लिए नहीं आता : कृष्ण
अड्डा इंचार्ज कृष्ण कुमार ने बताया कि यहां पर दो बसों में इंतजाम किए गए हैं लेकिन अभी तक यहां पर कोई भी सोने के लिए नहीं आता है।
सिटी बस अड्डे पर दो बसें लगाई हैं। कंबल और गद्दों की व्यवस्था की है। कई बार देखा जाता है कि लोग यहां पर सो के बहाने गद्दे और अन्य सामान चुरा लेते हैं। उधर, रेलवे अधिकारियों को भी पत्र लिखा है कि कोई भी बेसहारा कॉरिडोर के बाहर न सोए। समय-समय हमारी टीमें जाती रहती है और ऐसे लोगों को रैन बसेरों में सोने के लिए जागरूक करती रहती है। सिटी के सेवा सदन में भी रैन बसेरे की व्यवस्था है।
रैन बसेरे में पुलिस की टुकड़ी, बेसहारा बाहर
कैंट बस स्टैंड के बाहर लाखों की लागत से तैयार रैनबसेरे में पहुंचे तो एक हॉल में पुलिस की टुकड़ी नजर आई। दूसरी तरफ 10 यात्री बेड पर थे। कर्मचारी ने बताया कि पुलिस की टुकड़ी कई माह से यहीं है। इस टुकड़ी में 40 जवान हैं। ये जवान अलग-अलग राज्यों से हैं। इनकी ड्यूटी शंभू बॉर्डर पर है। ऐसे में केवल एक ही हिस्से में बेसहारा, बेघरों और यात्रियों का ठहराव होता है। 10 बजकर 35 मिनट पर फुटपाथ और बस क्यू शेल्टरों का जायजा लिया तो बेसहारा सो रहे थे। जगह-जगह बेसहारा लोग एक कंबल के सहारे लेटे थे। जब उनसे पूछा तो उनका कहना था कि उन्हें सोने नहीं दिया जाता। वे रोजाना यहीं सोते हैं।
बस स्टैंड परिसर में फर्श पर थे यात्री
शनिवार रात छावनी बस स्टैंड परिसर में फर्श पर यात्री सोते मिले। इनमें से कई यात्री ऐसे थे जो सुबह की पहली बस पकड़कर अपने गनतव्य की ओर जाने वाले थे। इसके अलावा बस स्टैंड के गेट नंबर एक के सामने डिवाइडर पर एक बेसहारा सोता मिला। इसके बाद होटल डी मेटरोपोल के सामने बने बस क्यू शेल्टर में एक यात्री सो रहा था तो दूसरा आग जलाकर हाथ सेक रहा था। इसके बाद ओवरब्रिज के नीचे बने फुटपाथ पर एक बुजुर्ग कंबल लेकर सोता
छावनी रैनबसेरा में सुरक्षा के इंतजाम नहीं
रैनबसेरा में की बात करें तो यहां सुरक्षा के इंतजाम नहीं हैं। लंबे समय से रैनबसेरे में सीसीटीवी कैमरे बंद हैं। इन्वर्टर बंद हैं और एलसीडी खराब है। ऐसे में कोई अनहोनी घटना या फिर यात्रियों का सामान चोरी हो जाए तो इसका जिम्मेदार कौन होगा? इसके अलावा दो साल पहले आई आंधी के कारण रैन बसेरे की छत पर लगे सोलर के पैनल टूट कर गिर चुके हैं। इन्हें आज तक न तो ठीक कराया और न ही दूसरे सोलर पैनल लगाए।
प्रतिक्रिया
रैन बसेरे में बेसहारा और यात्रियों के ठहरने की व्यवस्था है। पुलिस की टुकड़ी को दूसरी जगह शिफ्ट होने के लिए बोला है। सोमवार को खुद रैन बसेरे का जायजा लिया जाएगा। बस क्यू शेल्टरों और फुटपाथ पर जो सो रहे हैं उन्हें भी कई बार रैन बसेरे में लाया जाता है लेकिन वह वापस चले जाते हैं। -विनोद बेनिवाल, चीफ सेनेटरी इंस्पेक्टर, नगर परिषद।