पंजाब सरकार को हाईकोर्ट की फटकार: जजों को गोशाला में बिठाने पर आपत्ति
पंजाब सरकार को हाईकोर्ट की फटकार: आपका बस चले तो जजों को गोशाला में बिठा दे, ये स्वीकार नहीं
हिंदी टीवी न्यूज़, चंडीगढ़ Published by: Megha Jain Updated Fri, 10 Jan 2025
हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार के डेराबस्सी एसडीएम ऑफिस खाली करने के आदेश पर पुनर्विचार से इन्कार कर दिया है। साथ ही ऑफिस खाली न करने पर एसडीएम को अवमानना का नोटिस जारी किया है।
हरियाणा व पंजाब में जजों के लिए आवास की व्यवस्था न होने पर कड़ा रुख अपनाते हुए पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने कहा कि यदि सरकार का बस चले तो जजों को गोशाला में बैठा दे।
हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान पंजाब सरकार की वह अर्जी खारिज कर दी जिसमें डेराबस्सी के एसडीएम कार्यालय को खाली करने का आदेश पर पुनर्विचार की अपील की गई थी।
मालेरकोटला बार एसोसिएशन ने उठाया था मुद्दा
हाईकोर्ट ने जताया कड़ा रुख
पिछली सुनवाई पर हाईकोर्ट ने पाया था कि डेराबस्सी में एक ही इमारत में मौजूद अदालतों और एसडीएम कार्यालय में जमीन आसमान का फर्क है। कोर्ट ने अदालतों की दुर्दशा पर कड़ा रुख अपनाते हुए एसडीएम कार्यालय खाली करने और पूरी इमारत का कब्जा जिला जज को देने का आदेश दिया था। पंजाब ने अर्जी दाखिल करते हुए उस आदेश पर पुनर्विचार की मांग की थी।
सरकार ने कहा कि एसडीएम कार्यालय से लोग सीधे तौर पर जुड़े हैं, वह हटा दिया गया तो लोगों को परेशानी होगी। हाईकोर्ट ने कहा कि अदालतें ज्यादा जरूरी हैं, भगवान बुद्ध ने वट वृक्ष के नीचे ज्ञान लिया था, आप अपने अधिकारियों को भी वहां बिठा दो। हाईकोर्ट ने इस मांग को खारिज करते हुए अब एसडीएम के खिलाफ न्यायालय की अवमानना का नोटिस जारी कर दिया है। हाईकोर्ट ने कहा कि जज किराए के घरों में रहने को मजबूर हैं, इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता। कोर्ट ने कहा कि सरकारी मकान कोई दान नहीं है, यह जजों का अधिकार है। सुनवाई के दौरान हरियाणा सरकार ने बताया कि जजों को सरकारी आवास के लिए 50 करोड़ व अदालतों के निर्माण के लिए 50 करोड़ मंजूर किया गया है। इसके लिए 60 प्रतिशत राशि राज्य देगा और बाकी 40 प्रतिशत केंद्र सरकार।