UP: राष्ट्रद्रोह वाद में कंगना रनौत की बढ़ सकती हैं मुश्किलें
UP: राष्ट्रद्रोह वाद में कंगना रनौत की बढ़ सकती हैं मुश्किलें, थाने से मांगी आख्या; 8 फरवरी को आ सकता है फैसला
हिंदी टीवी न्यूज़, आगरा Published by: Megha Jain Updated Fri, 10 Jan 2025
स्पेशल कोर्ट ने सांसद और अभिनेत्री कंगना रनौत के केस में थाना न्यू आगरा से रिपोर्ट मांगी है। कोर्ट ने थाने को आदेश दिए हैं कि 20 दिन में गवाह, सबूत और बयानों की जांच कर रिपोर्ट दें। कोर्ट इसके बाद फैसला लेगी।
राष्ट्रद्रोह वाद में बृहस्पतिवार को स्पेशल जज एमपी- एमएलए अनुज कुमार सिंह की अदालत में सुनवाई हुई। तीन नोटिस भेजने के बाद भी सांसद कंगना रनौत या उनकी तरफ से कोई अधिवक्ता नहीं आया। इस पर अदालत ने 20 दिन के अंदर 29 जनवरी को न्यू आगरा थाने से आख्या मांगी है। 8 फरवरी को अदालत का आदेश आ सकता है।
11 सितंबर को दायर हुआ था वाद
कंगना रनौत के विरुद्ध आगरा के वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव गांधी बार एसोसिएशन के अध्यक्ष रमाशंकर शर्मा ने 11 सितंबर 2024 को एक वाद दायर किया था। इस वाद में कहा गया कि 27 अगस्त 2024 को कंगना रनौत ने एक बयान जो अखबारों में छपा था पढ़ा, जिसमें कंगना ने कहा कि अगस्त 2020 से दिसंबर 2021 तक जो किसान दिल्ली बॉर्डर पर काले कानूनों के विरोध में धरने पर बैठे थे, वहां हत्याएं हो रही थीं, बलात्कार हो रहे थे और अगर उस समय देश का नेतृत्व मजबूत नहीं होता तो देश में बांग्लादेश जैसे हालात पैदा हो जाते। कंगना रनौत पर वादी अधिवक्ता रमाशंकर शर्मा ने आरोप लगाया है कि कंगना रनौत ने देश के करोड़ों किसानों का अपमान किया है। किसानों को हत्यारा बलात्कारी और उग्रवादी तक कह दिया है।
बयान से भावनाएं हुईं आहत
वादी अधिवक्ता ने अपने वाद में कहा है कि क्योंकि वह भी एक किसान के बेटे हैं, उन्होंने खेती भी की है। इसलिए उनकी भी भावनाएं आहत हुईं हैं। अधिवक्ता ने अपने वाद पत्र में यह भी कहा है कि 17 नवंबर 2021 को कंगना रनौत ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के अहिंसात्मक सिद्धांत का मजाक उड़ाते हुए एक बयान दिया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि गाल पर चांटा खाने से भीख मिलती है आजादी नहीं और यह भी कहा था कि 1947 में जो आजादी मिली वह महात्मा गांधी के भीख के कटोरे में मिली थी। असली आजादी तो सन 2014 में तब मिली जब केंद्र में नरेंद्र मोदी की सरकार सत्ता में आई थी। इससे साफ जाहिर है कु स्वतंत्रता आंदोलन में जिन देशभक्तों ने अपनी शहादतें दीं तथा फांसी के फंदे चूमे हजारों लाखों स्वतंत्रता नेताओं ने जेल यात्राएं सहीं। अंग्रेजों के जुल्म सहे। उनका भी कंगना ने अपमान किया है। राष्ट्रपिता का अपमान पूरे राष्ट्र का अपमान है। देश की 140 करोड़ जनता का अपमान है।