Himachal: बदल रहा मौसम, सेब पौधों पर पत्ते और बुरांश में खिल गए फूल

बदल रहा मौसम चक्र: हिमाचल में समय से पहले आए सेब पौधों पर पत्ते, खिल गए बुरांश के फूल
हिंदी टीवी न्यूज़, शिमला Published by: Megha Jain Updated Tue, 11 Feb 2025
प्रदेश में ग्लोबल वार्मिंग के बढ़ते प्रभाव और हरित आवरण कम होने के चलते पिछले एक दशक से मौसम चक्र में भी धीरे-धीरे बदलाव आ रहा है।
हिमाचल प्रदेश में ग्लोबल वार्मिंग के बढ़ते प्रभाव और हरित आवरण कम होने के चलते पिछले एक दशक से मौसम चक्र में भी धीरे-धीरे बदलाव आ रहा है। इसका असर खेती और बागवानी पर दिखना शुरू हो गया है। तापमान में बढ़ोतरी के चलते मार्च के बजाय फरवरी की शुरुआत में ही सेब के पौधों पर पत्ते व फूल (पिंक बड वुड) आना शुरू हो गए हैं। मध्य पर्वतीय इलाकों में बुरांश के पौधों पर जनवरी अंत से फूल खिलना शुरू हो गए हैं। यहां तक की आम के पेड़ों पर बौर भी 15 से 20 दिन पहले आ गया है। विशेषज्ञ इसे खतरे की घंटी मान रहे हैं। खेतीबाड़ी में भी इसका असर देखने को मिला है।
प्रदेश में ग्रीन बेल्ट ऊपर की तरफ खिसक रही
प्रदेश के गर्म इलाकों में अमूमन 13 अप्रैल यानी बैसाखी से पहले गेहूं की कटाई हो जाती है लेकिन अब फसल पकने का समय आगे खिसकता जा रहा है। अप्रैल अंत या मई में गेहूं की कटाई हो रही है। मौसम चक्र के बदलाव से प्रदेश में या तो बारिश हो ही नहीं रही है या इतनी हो रही है कि तबाही मचा रही है। प्रदेश में पिछले तीन सालों में शिमला और धर्मशाला शहर में बर्फबारी का आंकड़ा दहाई को भी नहीं छू पाया है। हिमालयन वन अनुसंधान संस्थान शिमला और जीबी पंत राष्ट्रीय पर्यावरण अनुसंधान संस्थान कुल्लू के एक शोध के अनुसार हिमाचल प्रदेश में ग्रीन बेल्ट ऊपर की तरफ खिसक रही है। प्रदेश में पाई जाने वाली एक दर्जन से ज्यादा जड़ी-बूटियां 95 फीसदी तक विलुप्त हो चुकी हैं। ग्लोबल वार्मिंग का ही असर है कि इस बार प्रदेश में देवदार के पेड़ों से पोलन तक नहीं गिरा।