शंभू में किसान महापंचायत: पुलिस ने रोका, जत्थेबंदी ने बैरिकेडिंग तोड़ी

शंभू में किसान महापंचायत: पुलिस ने गाड़ियां ले जाने से रोका, जय सिंह जलबेड़ा की जत्थेबंदी ने बैरिकेडिंग तोड़ी
हिंदी टीवी न्यूज़, चंडीगढ़ Published by: Megha Jain Updated Thu, 13 Feb 2025
किसान एक साल से पंजाब-हरियाणा के बाॅर्डरों पर बैठे हैं। अभी तक किसान अपनी मांगों को केंद्र से पूरा नहीं पाए हैं, लेकिन इस आंदोलन ने किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की ओर से आमरण अनशन शुरू करने के बाद एक नई गति पकड़ी है।
किसानों के मोर्चे को एक वर्ष पूरा होने पर शंभू बाॅर्डर पर आज किसान महापंचायत है। एसकेएम गैर राजनीतिक से जत्था सुखजीत सिंह की अगुवाई में शंभू बाॅर्डर पहुंच गया है। वहीं एक साल पूरा होने पर अलग-अलग जत्थे बंदियों के लोगों ने रक्तदान भी किया।
वहीं किसान यूनियन शहीद भगत हरियाणा के प्रधान जय सिंह जलबेड़ा की जत्थेबंदी की गाड़ियों को पुलिस द्वारा बैरिकेडिंग के आगे जाने से रोका गया। इस पर जत्थेबंदियों के सदस्यों ने पंजाब पुलिस मुर्दाबाद व भगवंत मान सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। वहीं पुलिस के साथ झड़प करते हुए जत्थेबंदियों द्वारा गाड़ी के काफिले को बैरिकेडिंग को गिराते हुए मोर्चे तक जबरदस्ती ले जाया गया।
इस पर पुलिस प्रशासन ने कहा कि हम किसानों की हिफाजत के लिए यहां खड़े हैं। मोर्चे पर बनी स्टेज तक काफी रश है और गाड़ियां ले जाना मना है। अगर पुलिस से ही जत्थेबंदिया लड़ेंगी तो हमारे यहां खड़े होने का कोई फायदा नहीं।
वहीं किसान जत्थेबंदी किसान यूनियन शहीद भगत सिंह के प्रधान जय सिंह जलबेड़ा ने कहा कि प्रशासन द्वारा जत्थेबंदियों को स्टेज तक जाने से रोका जा रहा है। इससे तो यही लगता है कि भगवंत मान सरकार द्वारा किसानों को मोर्चे पर जाने से रोकने की साजिश है। केंद्र की मोदी सरकार और पंजाब की भगवंत मान सरकार में कोई फर्क नहीं है। दोनों ही एक ही थैली के चट्टबट्टे हैं। एक साल से शंभू बाॅर्डर पर यह मोर्चा लगा हुआ है और यही हमारा घर है। हमें अपने घर को जाने से रोकना पुलिस प्रशासन पर बड़े सवाल खड़े करता है। पंजाब सरकार का भी मकसद यही लगता है कि मोर्चे को फेल किया जाए और इसीलिए किसान जत्थेबंदियों को मोर्चे पर प्रशासन द्वारा जाने से रोका जा रहा है। हम डरने वालों से नहीं हैं।