UP बजट सत्र: सीएम बोले- समाजवादियों का चरित्र दोहरा, बच्चों को मौलवी बनाना चाहते हैं

UP Budget Session Live: आमजन के बच्चों को मौलवी बनाना चाहते हैं ये लोग, सीएम बोले- समाजवादियों का चरित्र दोहरा
हिंदी टीवी न्यूज़, लखनऊ Published by: Megha Jain Updated Tue, 18 Feb 2025
UP Vidhan Sabha Budget Session Live Update: यूपी विधानसभा का बजट सत्र मंगलवार से शुरू गया। यह बजट सत्र पांच मार्च तक चलेगा। इसकी शुरुआत राज्पाल के अभिभाषण से हुई। इससे पहले सीएम योगी आदित्यनाथ ने सभी दलों के साथ हुई बैठक में सभी से सहयोग करने की अपील की। उन्होंने कहा कि जनता के मुद्दों पर स्वस्थ और सकारात्मक चर्चा हो।
सदन की कार्यवाही बुधवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई है।
आमजन के बच्चों को मौलवी बनाना चाहते विपक्ष के लोग
सीएम ने कहा कि ये लोग अपने बच्चों को इंग्लिश मीडियम में पढ़ाना चाहते हैं। आमजन के बच्चों को कहते हैं, उर्दू पढ़िए। ये उनके बच्चों को मौलवी बनाना चाहते हैं।
विपक्ष को समाज के सामने एक्सपोज कराना चाहिए
सीएम ने कहा कि विपक्ष हर अच्छे काम का विरोध करता है। विपक्ष को समाज के सामने एक्सपोज कराना चाहिए।
विपक्ष ने क्षेत्रीय भाषाओं का अपमान किया
सदन में सीएम बोले रहे हैं। सीएम ने कहा कि भाषा की लड़ाई चल रही है। विपक्ष ने क्षेत्रीय भाषाओं का अपमान किया। हमारी सरकार भोजपुरी के लिए बोर्ड बना रही है। अवधी के लिए बोर्ड बना रही है।
सदन की कार्यवाही पुनः शुरू
वंदे मातरम गीत के गायन के साथ सदन की कार्यवाही पुनः शुरू की गई।
रोजगार नहीं दे पा रही सरकार- अतुल प्रधान
समाजवादी पार्टी के विधायक अतुल प्रधान ने उत्तर प्रदेश विधानसभा के बाहर खुद को जंजीरों में बांधकर विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा कि सरकार रोजगार नहीं दे पा रही है। इसलिए, लोग डंकी रूट से विदेश जा रहे हैं। सरकार को सुनिश्चित करना चाहिए कि आने वाले समय में किसी भारतीय प्रवासी को हथकड़ियों में निर्वासित न किया जाए।
राज्यपाल आधा भाषण छोड़कर चली गईं- माता प्रसाद पांडे
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और सपा नेता माता प्रसाद पांडे ने बजट सत्र के दौरान राज्यपाल के अभिभाषण पर कहा कि उनके अभिभाषण में जो पढ़ा जा रहा था, समाजवादी पार्टी ने उसका विरोध किया। क्योंकि, उसमें झूठे आंकड़े दिए गए थे। मांग हो रही थी कि महाकुंभ की भगदड़ में जो मौतें हो रही हैं, उसके सही आंकड़ों को बताया जाए। राज्यपाल आधा भाषण छोड़कर चली गईं। हमें लगता है कि वे महाकुंभ में हुई घटनाओं से दुखी थीं, इसलिए उन्होंने पूरे भाषण को पढ़ा ही नहीं।