Himachal: एसीसी फैक्ट्री प्रदूषण पर एम्स करेगा शोध, जांच के लिए मशीन का उपयोग

Himachal News: एसीसी फैक्ट्री से निकलने वाले प्रदूषण के दुष्प्रभावों पर शोध करेगा एम्स, इस मशीन से होगी जांच
हिंदी टीवी न्यूज़, बिलासपुर Published by: Megha Jain Updated Tue, 08 Apr 2025
अत्याधुनिक मशीनों के माध्यम से एसीसी सीमेंट फैक्ट्री से होने वाले प्रदूषण का लोगों के स्वास्थ्य और पर्यावरण पर क्या प्रभाव पड़ रहा है, अब इस पर अध्ययन किया जाएगा। इसके लिए सरकार ने बजट भी जारी कर दिया है।
एसीसी सीमेंट फैक्ट्री से होने वाले प्रदूषण का स्वास्थ्य और पर्यावरण पर क्या प्रभाव पड़ रहा है, अब इस पर अध्ययन किया जाएगा। प्रदूषण के दुष्प्रभावों का अध्ययन करने के लिए प्रदेश सरकार ने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के प्रिवेंटिव मेडिसिन विभाग को विशेष शोध परियोजना सौंपी है। प्रोजेक्ट के लिए सरकार ने 33 लाख रुपये का बजट भी जारी कर दिया है।
विशेषज्ञों की टीम प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करेगी और वहां के निवासियों की स्वास्थ्य जांच करेगी। इस शोध परियोजना का सबसे अहम पहलू यह होगा कि सिर्फ अध्ययन ही नहीं, बल्कि प्रदूषण से होने वाली बीमारियों का उपचार तक इसमें शामिल होगा। एम्स की टीम इस बात पर भी काम करेगी कि प्रदूषण का स्तर कितना है और इसके दुष्प्रभाव कितने हैं।
पांच पंचायतों में 2000 से 2015 तक 32 मानसिक रूप से कमजोर बच्चे पैदा हुए
बताते चलें कि एक रिपोर्ट के अनुसार एसीसी की आसपास की पांच पंचायतों बरमाणा, हरनोड़ा, धौन कोठी, बैरी रजादियां और जमथल में साल 2000 से 2015 तक 32 मानसिक रूप से कमजोर बच्चे पैदा हुए हैं। लेकिन इन बच्चों के परिवार का इस तरह की बीमारी का कोई इतिहास नहीं है। उसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने कमेटी बनाकर जांच भी कराई थी। इसमें तय हुआ था कि वैज्ञानिकों की विशेष टीम को इसकी स्टडी के लिए बुलाया जाएगा। लेकिन वह आज तक नहीं पहुंची। इसके बाद भी बरमाणा के कुछ लोग प्रदूषण के मामले को लेकर एनजीटी तक पहुंचे। आसपास के लोगों में सीने और गुर्दों को संबंधित भी कई तरह की बीमारियां सामने आती रहती हैं। लेकिन अब तक इन सब पर कोई भी शोध या जांच नहीं हो सकी थी। वहीं अब जाकर प्रदेश सरकार ने एसीसी के प्रदूषण पर शोध करने के लिए एम्स के प्रिवेंटिव मेडिसिन विभाग को यह प्रोजेक्ट सौंपा है।