जूली गंगाजल विवाद: खरगे ने दलितों के अपमान पर मांगी पीएम से माफी

जूली गंगाजल विवाद: दलितों के अपमान पर हमलावर हुए खरगे, बोले- प्रधानमंत्री को पूरे देश से मांगनी चाहिए माफी
हिंदी टीवी न्यूज़, अलवर Published by: Megha Jain Updated Tue, 15 Apr 2025
कांग्रेस पार्टी के सुप्रीमो मल्लिकार्जुन खरगे ने अलवर में हुए गंगाजल विवाद को लेकर फिर बयान जारी किया है। उन्होंने मंदिर में गंगाजल छिड़कने से पैदा हुए विवाद और नेता प्रतिपक्ष राजस्थान विधानसभा टीकाराम जूली के समर्थन में फिर से एक बयान जारी कर कहा कि भाजपा के संकीर्ण मानसिकता की सोच वाले नेताओं की मानसिक स्थिति को उजागर किया है। खरगे बोले संविधान में दलितों की सुरक्षा के लिए अनेक आर्टिकल हैं। कई कानून बनाए गए, लेकिन उनका पालन नहीं हो रहा। पालन तो दूर की बात बल्कि दलितों का तिरस्कार किया जा रहा है।
यहां तक कि जब राजस्थान के नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली राम मंदिर में जाते हैं तो वह स्थान गंगाजल भाजपा की संकीर्ण मानसिकता को उजागर करने वाले नेता धो देते हैं। खरगे ने कहा कि टीकाराम जूली खुद एक दलित हैं और इसीलिए उनका अपमान किया गया। संकीर्ण सोच वाले भाजपा नेताओं ने जूली के साथ जो किया वह किसी के साथ भी नहीं होना चाहिए। जूली का प्रकरण पूरी राजनीति और विशेषतया भाजपा के मुंह पर कालिख पोतने जैसा कर्म है और इसकी सभी को कड़ी भर्त्सना करनी चाहिए। ऐसे सवर्ण नेताओं का तिरस्कार करें, उनके लिए समाज में कोई स्थान नहीं है। उनकी कड़ी आलोचना होना ही चाहिए।
उन्होंने कहा कि एक तरफ नरेंद्र मोदी खुद को बैकवर्ड क्लास का नेता बताते हैं, लेकिन दूसरी तरफ जब देश में बैकवर्ड क्लास के लोगों और दलितों के साथ अत्याचार होता है तो उस पर वो एक शब्द भी नहीं बोलते। ये दिखाता है कि नरेंद्र मोदी संविधान की रक्षा में विफल हो गए हैं। संविधान की दुहाई देने वाले प्रधानमंत्री को अपने नेता के इस कृत्य के लिए पूरे देश से माफी मांगनी चाहिए। खरगे ने कहा कि दलित महिलाओं के साथ तो और भी बुरा बर्ताव देश में हो रहा है। मोदी जी इस मुद्दे पर खामोश हैं। वो संविधान की रक्षा नहीं कर पा रहे हैं और इसके लिए उन्हें देश से माफी मांगनी चाहिए।