पहाड़ी इलाकों तक पहुंची अतिक्रमण विरोधी
इन दिनों उत्तराखंड में अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई से पूरे राज्य के लोगों में नाराजगी है. मैदानी इलाकों से शुरू हुई यह कार्रवाई अब पहाड़ी जिलों में भी पहुंच गई है. जिसमें पिथौरागढ़ जिला भी शामिल है. हाईकोर्ट के आदेश के बाद सरकारी भूमि में अवैध रूप से निर्माण करने वालों के खिलाफ कार्रवाई तो चल ही रही है साथ ही एनएच के किनारे बने होटल ढाबों को भी अब तोड़ा जा रहा है जिससे यहां के ग्रामीणों में अपने भविष्य को लेकर चिंता है.
ग्रामीणों से छीना जा रहा रोजगार
जिले के राज्य आंदोलकारी राजेंद्र भट्ट ने इस विषय पर नाराजगी जाहिर की है जिनका कहना है कि एक तरफ जहां सरकार पलायन रोकने की बात करती है और दूसरी तरफ अतिक्रमण के नाम पर ग्रामीणों का रोजगार छीना जा रहा है. उन्होंने कहा कि कोरोन काल में बेरोजगार हुए युवाओं ने लोन लेकर यहां छोटे होटल-ढाबे खोले और स्थानीय उत्पादों को बेचकर ही अपने साथ अपने गांव के लोगों को रोजगार दिया. उन्होंने सरकार से इस विषय पर ग्रामीणों की मदद करने की गुजारिश की है.
मुख्यमंत्री से लोगों की गुहार
गुरना-घाट क्षेत्र के लोगों ने इस विषय पर मुख्यमंत्री को ज्ञापन भी प्रेषित किया. यहां दुकान चलाने वाले एक ग्रामीण सुरेश मेहता कहते हैं कि उन्होंने 15 पैसे से चाय बेचकर यहां अपने परिवार का पालन पोषण किया है. वहीं एक अन्य ढाबा संचालक दीपक सिंह ने बताया कि इस सड़क पर दुर्घटना होने और आपदा के समय होटल के लोग ही लोगों की मदद करने सबसे पहले मौजूद होते हैं. वे लोग जैसे तैसे यहां ढाबों के माध्यम से अपने परिवार का भरण-पोषण और गांव वालों के लिए रोजगार का जरिया बने है. उन्होंने इस विषय पर मदद की गुहार लगाई है.