बर्खास्त AIG राजजीत की सुरक्षा एजेंसियों को तलाश
Punjab News: बर्खास्त AIG राजजीत की सुरक्षा एजेंसियों को तलाश, एक केस अभी भी पेंडिंग; हो सकती है गिरफ्तारी
Punjab News ड्रग तस्करी केस में बर्खास्त एआइजी राजजीत की तलाश में सुरक्षा एजेंसियां लगी हुई है। बता दें एआइजी पर अभी भी एक केस पेंडिंग है। इसके लिए राजजीत स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) के पास जांच में शामिल होने के लिए भी तक नहीं पहुंचा है। अधिकारियों के मुताबिक नशा तस्करी और आय से अधिक संपत्ति के मामले में राजजीत को राहत मिल गई है।
HIGHLIGHTS
- राजजीत स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) के पास जांच में शामिल होने के लिए भी नहीं पहुंचा है।
- एसटीएफ की स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम (एसआइटी) राजजीत के जांच में शामिल होने का करने का इंतजार कर रही है।v
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। ड्रग तस्करी में आरोपित बर्खास्त एआइजी राजजीत की तलाश सुरक्षा एजेंसियों को है। राजजीत पर अभी भी एक केस पेंडिंग है, जिसमें उसको राहत नहीं मिली है और उसकी गिरफ्तारी हो सकती है। इसके लिए राजजीत स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) के पास जांच में शामिल होने के लिए भी नहीं पहुंचा है।
अधिकारियों के मुताबिक नशा तस्करी और आय से अधिक संपत्ति के मामले में राजजीत को राहत मिल गई है, लेकिन जबरन वसूली के मामले में अभी तक राजजीत को अदालत से किसी तरह की राहत नहीं मिली है।
राजजीत पिछले पांच महीने से ज्यादा समय से फरार
एसटीएफ की स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम (एसआइटी) राजजीत के जांच में शामिल होने का करने का इंतजार कर रही है। एसआइटी के अधिकारियों के मुताबिक राजजीत अभी तक जांच में शामिल नहीं हुए हैं। ध्यान रहे कि राजजीत पिछले पांच महीने से ज्यादा समय से फरार चल रहा है। हाईकोर्ट से किसी तरह की राहत न मिलने के बाद राजजीत ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
एसआइटी की ओर से सौंपी गई जांच रिपोर्ट के बाद किया था केस दर्ज
राज्य सरकार की ओर से बीते अप्रैल माह में राजजीत के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। यह मामला पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में पूर्व डीजीपी सिद्धार्थ चट्टोउपध्याय की एसआइटी की ओर से सौंपी गई जांच रिपोर्ट के बाद दर्ज किया गया था।
एसटीएफ की ओर से ड्रग्स तस्करी मामले में राजजीत पर दो अलग-अलग मामले दर्ज किए गए थे। राजजीत सिंह लंबे समय से विवादों में रहा है। सबसे पहले 2013 में वह उस समय विवादों में आया था, जब उसने अपनी बेटी को मेडिकल कालेज में दाखिला दिलवाने के लिए खुद का ही मृत्यु प्रमाण पत्र बनवा लिया था।
राजजीत ने माफी मांगकर अपनी जान छुड़वाई
राजजीत ने खुद को आतंकवादियों की ओर से मारने का मृत्यु प्रमाण पत्र बनवा लिया। हालांकि मामला खुल गया, जिस कारण बेटी को सीट नहीं मिली। राजजीत ने माफी मांगकर अपनी जान छुड़वाई। राजजीत का भेद जून 2017 में तत्कालीन एडीजीपी हरप्रीत सिद्धू के नेतृत्व में बनी टीम की तरफ से सीआइए इंचार्ज, कपूरथला इंद्रजीत सिंह की 4 किलो हेरोइन के साथ गिरफ्तारी करने के बाद हुआ था।
एसटीएफ ने जब जांच को आगे बढ़ाया तो पता चला कि 2012 से लेकर 2017 तक जहां-जहां पर राजजीत सिंह की पोस्टिंग हुईं, साथ में इंस्पेक्टर इंद्रजीत सिंह की भी वहीं पोस्टिंग हुई। राजजीत बाकायदा सिफारिशी पत्र लिख कर इंद्रजीत की अपने साथ पोस्टिंग करवाता था। राजजीत और इंद्रजीत सिंह गुरदासपुर, तरनतारन, मोगा और जालंधर आदि में साथ-साथ पोस्टिंग पर रहे।