Himachal News: हिमाचल में जमकर बर्फबारी
हिमाचल में जमकर बर्फबारी…अब इस जिले में पर्यटक नहीं कर सकेंगे ट्रैकिंग; पैराग्लाइडर पर्यटकों के लिए एडवाइजरी जारी
सर्दी के मौसम को देखते हुए जिला प्रशासन ने कांगड़ा (Knagra) के तीन हजार मीटर ऊंचाई वाले स्थानों में ट्रैकिंग (Tracking ban in Kangra) पर प्रतिबंध लगा दिया है। साथ ही बीड़ बिलिंग व अन्य स्थानों से होने वाली पैराग्लाइडिंग (Paragliding) गतिविधियों में सोलो पैराग्लाइडिंग करने वाले पायलटों को भी सलाह दी है कि वे धौलाधार की ऊंची पहाड़ियों की तरफ उड़ान न भरें।
HIGHLIGHTS
- कांगड़ा में पर्यटक नहीं कर सकेंगे ट्रैकिंग
- पैराग्लाइडर पर्यटकों के लिए एडवाइजरी जारी
- ठंड बढ़ने के कारण ट्रैकिंग पर लगा प्रतिबंध
धर्मशाला/बैजनाथ। Cold in Himachal Pradesh: सर्दी के मौसम को देखते हुए जिला प्रशासन ने कांगड़ा (Knagra) के तीन हजार मीटर ऊंचाई वाले स्थानों में ट्रैकिंग (Tracking ban in Kangra) पर प्रतिबंध लगा दिया है।
साथ ही बीड़ बिलिंग व अन्य स्थानों से होने वाली पैराग्लाइडिंग (Paragliding) गतिविधियों में सोलो पैराग्लाइडिंग करने वाले पायलटों को भी सलाह दी है कि वे धौलाधार की ऊंची पहाड़ियों की तरफ उड़ान न भरें।
धौलाधार में होता है काफी हिमपात
सर्दियों में धौलाधार पर्वत शृंखला में काफी हिमपात होता है। हर साल यहां के कुछ ट्रैकिंग रूट में पर्यटक चले जाते हैं। इनमें त्रियुंड, करेरी लेक व आदी हिमानी चामुंडा ट्रैक शामिल हैं।
हिमपात होने पर वे वहां फंस जाते हैं। दो दशक में ऐसे स्थानों पर कई पर्यटकों की मौत हो चुकी है। उपायुक्त डॉ. निपुण जिंदल ने सोमवार को इस संबंध आपदा प्रबंधन एक्ट के तहत आदेश जारी किए हैं।
तीन हजार मीटर की ऊंचाई वाले स्थानों में ट्रैकिंग पर प्रतिबंध
सर्दी के मौसम में तीन हजार मीटर की ऊंचाई वाले स्थानों में ट्रैकिंग को पूर्ण प्रतिबंध किया है। करेरी व त्रियुंड ट्रैक के लिए इस अवधि के दौरान पुलिस अधीक्षक से अनुमति लेनी होगी।
ट्रैकिंग पर जाने के लिए पूरी टीम व तैयारियां होना आवश्यक है। मौसम विभाग ने यदि कोई अलर्ट जारी किया होगा तो अनुमति नहीं दी जाएगी। पैराग्लाइडर पायलटों को सलाह दी गई है कि वे धौलाधार पर्वत शृंखला में उड़ान न भरें। आदेश का उल्लंघन करने वालों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।
किन्नौर में भी ट्रैकिंग व पर्वतारोहण गतिविधियों पर प्रतिबंध
जनजातीय जिला किन्नौर में उपायुक्त तोरुल एस रवीश ने ट्रैकिंग व पर्वतारोहण गतिविधियों पर प्रतिबंध लगा दिया है। बर्फ देखने व स्नो लैपर्ड को निहारने के लिए ट्रैकिंग के शौकीन लोग दुर्गम पर्वतीय क्षेत्रों में जाते हैं। सर्दियों में जलवायु परिस्थितियां तेजी से बदलती हैं, जो ट्रैकर्स के लिए खतरा पैदा करती हैं।
ऐसी स्थिति में खोज व बचाव अभियान चलाना जोखिम भरा होता है। आदेश का उल्लंघन करने पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। सहायक आयुक्त संजीव कुमार भोट ने कहा कि ऊंचाई वाले क्षेत्रों में जाने पर प्रतिबंध लगा दिया है।
पर्यटकों को दें जानकारी
उपायुक्त ने जिला पर्यटन अधिकारी को पर्यटन व्यवसाय से जुड़े लोगों को उनके यहां ठहरने वाले पर्यटकों को ट्रैकिंग गतिविधियों की पाबंदियों से अवगत करवाने के निर्देश देने को कहा है।साथ ही निर्देश का उल्लंघन करने पर जिला प्रशासन की ओर से की जाने वाली कार्रवाई के बारे में बताने को कहा गया है।
जिला में ये हैं मुख्य ट्रैकिंग रूट
जिला कांगड़ा में 3000 हजार मीटर की ऊंचाई में मुख्य रूप से बीड़-बिलिंग-बड़ा भंगाल ट्रैक, तालंग जोत ट्रैक, इंद्रहार ट्रैक, जालसू जोत ट्रैक शामिल हैं। छोटे ट्रैक में करेरी व त्रियुंड शामिल हैं। बाहर से आने वाले पर्यटक सबसे अधिक धर्मशाला, शाहपुर के त्रियुंड व करेरी ट्रैक पर जाते हैं। इस अवधि में आदी हिमानी चामुंडा की तरफ जाते हैं।
उल्लंघन करने पर होगी कार्रवाई
उपायुक्त ने सभी संबंधित विभागों को आदेश का पालन करवाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि उल्लंघन करने वाले व्यक्ति के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। आगामी आदेश तक हिदायतें लागू रहेंगी।