Mandi Crime: वृद्धों के खाते से लाखों रुपये निकाल लगाया चूना
Mandi Crime: पेंशन और RD का पैसा डकारने वाले दो डाकपालों पर CBI का एक्शन, वृद्धों के खाते से लाखों रुपये निकाल लगाया चूना
Mandi Fraud Case हिमाचल प्रदेश के मंडी में पेंशन और आरडी का पैसा डकारने वाले दो डाकपालों पर सीबीआइ ने शिकंजा कसा है। प्रवर डाक अधीक्षक की शिकायत व पुलिस अधीक्षक चंबा की सिफारिश पर सीबीआइ ने दोनों डाकपालों के विरुद्ध यह कार्रवाई की है। पेंशनरों को जब पेंशन नहीं मिली तो जांच में गबन की बात सामने आई थी।
मंडी। चंबा जिले में निरक्षर, गरीब लोगों की पेंशन,आरडी,सुकन्या निधि योजना व एफडी का पैसा डकारने वाले दो डाकपाल के विरुद्ध केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआइ) के शिमला स्थित भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो शाखा ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम व लोक सेवक द्वारा विश्वास का आपराधिक हनन करने के दो केस दर्ज किए हैं। एक डाकपाल पर पेंशन का 3,03,600 रुपये व दूसरे पर आरडी,सुकन्या निधि आदि का 32,21,931 रुपये का गबन करने का आरोप है।
सीबीआइ ने दोनों के विरुद्ध की कार्रवाई
प्रवर डाक अधीक्षक की शिकायत व पुलिस अधीक्षक चंबा की सिफारिश पर सीबीआइ ने दोनों डाकपालों के विरुद्ध यह कार्रवाई की है। प्रवर डाक अधीक्षक चंबा संजय कुमार ने 17 अगस्त को थाना सदर में शिकायत दर्ज करवाई थी कि ग्रामीण डाक सेवक भगवत प्रसाद पुत्र जीत राम डाकघर शाखा बाट में डाकपाल के रूप में कार्यरत था।
इतने सरकारी धन का किया गबन
पहली नवंबर 2022 से 31 दिसंबर 2022 तक आरोपित ने 69 पेंशनरों की सामाजिक पेंशन का करीब 3,03,600 रुपये निकाल सरकारी धन का गबन किया है। आरोपित अनपढ़ व वृद्ध पेंशनर डाकघर शाखा में जब पेंशन का पैसा निकालने आते थे।
पैसा निकासी के दो फार्म पेंशनर व गवाह के अंगूठे लगवा लेता था। एंट्री करने के बहाने पेंशनर की पासबुक अपने पास रख लेता था। अगली बार जब पेंशन आती थी तो अंगूठे लगाए निकासी फार्म का प्रयोग कर पैसा निकाल पासबुक में एंट्री कर देता था।
जांच में गबन की बात आई सामने
पेंशनरों को जब पेंशन नहीं मिली तो जांच में गबन की बात सामने आई थी। इसी जिले की उपतहसील पुखरी के मसरूंड डाकघर शाखा में सेवारत ग्रामीण डाक सेवक एवं डाकपाल आशीष कुमार पुत्र स्व. कमल किशोर के विरुद्ध पंचायत के उपप्रधान तिलक राज ठाकुर ने 12 नवंबर 2021 से 10जुलाई 2023 तक सरकारी धन के दुरुपयोग का आरोप लगाया था।
उन्होंने 22 अगस्त को सीबीआइ को शिकायत भेजी थी। आशीष कुमार पर आरोप है कि वह जब भी कोई खाताधारक शाखा डाकघर में जाता था। वह नकद राशि जमा कर उसे स्वीकार कर लेता था। राशि पासबुक में जमा होने की प्रविष्टि कर मुहर लगा देता था।
जमा राशि के बाउचर को कर देता था नष्ट
पासबुक में प्रविष्टि पर अपना प्रारंभिक हस्ताक्षर करता था। लेकिन टोकन नंबर नहीं लिखता था। बाद में जमा राशि के बाउचर को नष्ट कर देता था। जब भी खाताधारक अपने खाते से निकासी के लिए आते थे तो उन्हें एसबी-सात फार्म भर कर देता था।
फार्म पर हस्ताक्षर प्राप्त कर अपने अनुसार अलग-अलग राशि की निकासी कर खाताधारकों द्वारा जमा किए गए पैसे का गबन कर लेता था। आशीष कुमार ने 30 बचत खातों,125 आरडी, तीन सावधि जमा, 61 सुकन्या समृद्धि, एक महिला सम्मान बचत प्रमाणपत्र और एक ग्रामीण डाक जीवन बीमा खाते से 32,21,931का गबन किया है।