केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने CM सुक्खू पर कसा तंज
Himachal: केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने CM सुक्खू पर कसा तंज, बोले- अपनी नाकामियों को छिपाने के लिए मुख्यमंत्री ले रहे मेरे नाम का सहारा
नागरिकों की निकासी के लिए पोंटा साहिब में सेना के पैरा एसएफ और 205 आर्मी एविएशन स्क्वाड्रन की 01 कॉलम भी तैनात की गई थी। इसके साथ हीं बचाव कार्यों के लिए भारतीय वायु सेना के 02 एमआई-17 वी हेलीकॉप्टर भी तैनात किए गए थे। इससे समय रहते हजारों जानें बचाई जा सकीं। नेशनल फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी के माध्यम से भी मदद दी गई।
शिमला। केंद्रीय सूचना प्रसारण एवं खेल व युवा कार्यक्रम मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के हालिया बयानों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि कांग्रेस की फेल गारंटियों पर पर्दा डालने के लिए सुक्खू भाजपा की माला जप रहे हैं।
अपनी नाकामियों को छिपाने के लिए मुख्यमंत्री मेरे नाम का सहारा ले रहे हैं जबकि सबको पता है कि आपदा के समय हिमाचल की जनता के साथ मोदी सरकार डट कर खड़ी थी और हरसंभव सहायता देवभूमि को दी है।
अनुराग सिंह ठाकुर ने कहा कि मुझे लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के हालिया बयान उनकी हताशा और निराशा को दिखाते हैं। कांग्रेस की फेल गारंटियों पर पर्दा डालने के लिए सुक्खू भाजपा की माला जप रहे हैं।
अपनी नाकामियों को छिपाने के लिए मुख्यमंत्री मेरे नाम का सहारा ले रहे हैं जबकि सबको पता है कि आपदा के समय हिमाचल की जनता के साथ मोदी सरकार डट कर खड़ी थी और हरसंभव सहायता देवभूमि को दी है। नरेंद्र मोदी ने सदैव हिमाचल को प्राथमिकता देते हुए इसे अपना दूसरा घर माना है।
आपदा के समय उन्होंने स्वयं मुख्यमंत्री से बात कर हर स्थिति का जायजा लिया और सभी जरूरी मदद सुनिश्चित कराई मगर आपदा में भी राजनीति करना कांग्रेस की पुरानी आदत है और मुख्यमंत्री के हालिया बयान इसी दुर्भावना से ग्रसित हैं। आगे बोलते हुए अनुराग ठाकुर ने कहा हिमाचल में आपदा की गंभीरता को देखते हुए केंद्र सरकार द्वारा एनडीआरएफ की 13 टीमों को बचाव नौकाओं और अन्य आवश्यक उपकरणों के साथ तैनात किया गया।
नागरिकों की निकासी के लिए पोंटा साहिब में सेना के पैरा एसएफ और 205 आर्मी एविएशन स्क्वाड्रन की 01 कॉलम भी तैनात की गई थी। इसके साथ हीं बचाव कार्यों के लिए भारतीय वायु सेना के 02 एमआई-17 वी हेलीकॉप्टर भी तैनात किए गए थे। इससे समय रहते हजारों जानें बचाई जा सकीं। नेशनल फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी के माध्यम से भी मदद दी गई।