विरोध झेलने के बाद भी नहीं टूटा हौसला, उत्तराखंड के हल्द्वानी में बैंणी सेना ने बदल दी वार्डों की सूरत- अब नहीं दिखते कूड़े के ढेर
Haldwani Nagar Nigam निगम का यह नवाचार उसके लिए संजीवनी साबित हुआ। हर माह शहर से मिलने वाला साढ़े आठ लाख रुपये का यूजर चार्ज बढ़कर 35 लाख पहुंच गया। आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय ने गठन के एक साल के भीतर इसे निकायों के नवाचार के मामले में देश में दूसरा स्थान देकर दिल्ली में सम्मानित भी किया।
HIGHLIGHTS
- अधिकारी-जनप्रतिनिधि के प्रयास से बहनों की सेना बनी स्वच्छता की सारथी
- उत्तराखंड के हल्द्वानी में नवाचार, सफाई संग ‘ बैणीं सेना’ निकाय की आय भी बढ़ा रही कुमाऊं के प्रवेश द्वार में मातृशक्ति यानी बैंणी सेना (बहनों की टीम) ने साल भर में ही वह कर दिखाया जो नगर निगम वर्षों से नहीं कर पाया था। गली-मोहल्ले, सार्वजनिक स्थल, सड़क किनारे जहां देखो कूड़े-कचरे के ढेर नजर आते थे। कुछ लोगों को शिकायत थी कि कूड़ा गाड़ी नहीं आती।
अधिकांश गाड़ी में कचरा ही नहीं डालते या फिर शुल्क भी नहीं देते थे। विकराल होती जा रही समस्या से निपटने के लिए नवंबर 2022 में बैंणी सेना को ट्रायल के तौर पर नगर निगम से जोड़ा गया।
निगम का यह नवाचार उसके लिए संजीवनी साबित हुआ। हर माह शहर से मिलने वाला साढ़े आठ लाख रुपये का यूजर चार्ज बढ़कर 35 लाख पहुंच गया। आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय ने गठन के एक साल के भीतर इसे निकायों के नवाचार के मामले में देश में दूसरा स्थान देकर दिल्ली में सम्मानित भी किया।
नवंबर 2022 में किया गया था लॉन्च
हल्द्वानी में स्वच्छता व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए नवंबर 2022 में नगर आयुक्त पंकज उपाध्याय ने मेयर डा. जोगेंद्र रौतेला की सहमति के बाद बैंणी सेना को लांच किया था। 57 महिला स्वयं सहायता समूहों की 570 महिलाएं टीम में शामिल हुई।
इन्हें जिम्मेदारी दी गई कि साढ़े चार लाख आबादी वाले हल्द्वानी के 60 वार्डों में डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन की स्थिति को सुधारना होगा। जितना शुल्क बैंणी सेना कलेक्शन करेगी उसका 25 प्रतिशत उन्हें दिया जाएगा।
बैंणी सेना के लिए आफर अच्छा था लेकिन शहर को सुधारने का काम इतना आसान भी नहीं था। शुरूआत में जगह-जगह बैंणी सेना को विरोध का सामना करना पड़ेगा। नगर का व्यापारी वर्ग विरोध में आ गया। लेकिन नगर आयुक्त व मेयर से हरसंभव सहयोग मिलने के कारण महिलाओं का हौंसला नहीं टूटा।
स्वच्छता रैंकिंग में आया बदलाव
धीरे-धीरे हर वर्ग के लोगों को बात समझ आने लगी और बेहतर परिणाम सामने आया। जनवरी में ही 2023 की स्वच्छ सर्वेक्षण रेटिंग जारी हुई है। 2022 में निगम जहां देश में सफाई के मामले में 282वे नंबर पर था वह 2023 में 211वे पर पहुंच गया। खास बात यह है कि डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन के मामले में शहर को 99 प्रतिशत अंक मिले।
यानी जनप्रतिनिधि के तौर पर निवर्तमान मेयर डा. जोगेंद्र रौतेला और प्रशासक के तौर पर नगर आयुक्त पंकज उपाध्याय के जोड़ ने बैंणी सेना को कुमाऊं के प्रवेशद्वार हल्द्वानी के लिए बेजोड़ साबित करके दिखा दिया।
डा. कांडपाल का मार्गदर्शन भी अहम
वरिष्ठ नगर स्वास्थ्य अधिकारी होने के कारण डा. मनोज कांडपाल सभी वार्डों में सफाई व्यवस्था की पूरी निगरानी करते हैं। अगर किसी क्षेत्र में सफाई से जुड़ी कोई शिकायत मिलती है तो तुरंत टीम को रवाना किया जाता है। इसके अलावा बैंणी सेना के प्रोजेक्ट मैनेजर के तौर मनोज नेगी की भी इसमें सक्रिया भूमिका निभा रहे हैं।
केंद्र-राज्य की योजनाएं भी लोगों तक पहुंचा रहीं
बैंणी सेना स्वच्छता के अलावा कई अन्य जिम्मेदारी भी निभा रही है। केंद्र व राज्य स्तर की योजनाओं को जागरूकता अभियान के जरिये ये लोगों तक पहुंचा रही हैं। डेंगू के समय बचाव और सुरक्षा के तरीके भी वार्डों में इनके माध्यम से बताए जाते हैं