पांच साल पहले था गरीब अब बना करोड़पति, दूसरों को नशे में धकेलने वाला मंडी के दो कुख्यात चिट्टा तस्कर गिरफ्तार
हिमाचल में चिट्टे के बढ़ता कारोबार कई लोगों का जीवन तबाह कर चुका है जबकि इसकी तस्करी से जुड़े लोग मालामाल हो चुके हैं। पुलिस ने मंडी के चिरंजी और राजमल को चिट्टे के साथ गिरफ्तार किया है। जांच में सामने आया कि चिरंजी लाल का परिवार पांच साल पहले गरीबों के लिए संचालित एकीकृत ग्रामीण विकास कार्यक्रम में था। अब उसके पास गाड़ियां व सुविधाओं से सुसज्जित घर है।
HIGHLIGHTS
- चिट्टे का कमाल, पांच साल पहले था गरीब, अब करोड़पति
- लाखों की संपत्ति का मालिक बना चिट्टा तस्कर
- मंडी में 288 ग्राम के साथ पकड़े गए दो चिट्टा तस्कर Chitta smuggling in Himachal: हिमाचल में चिट्टे के बढ़ता कारोबार कई लोगों का जीवन तबाह कर चुका है जबकि इसकी तस्करी से जुड़े लोग मालामाल हो चुके हैं। रविवार को 288 ग्राम चिट्टे के साथ दो लोगों की गिरफ्तारी से कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं।
पांच साल पहले गरीब था परिवार
पुलिस ने मंडी जिले के निवासी 29 वर्षीय चिरंजी लाल उर्फ डोडू और 49 वर्षीय राजमल को चिट्टे के साथ गिरफ्तार किया है। पुलिस की जांच में सामने आया है कि चिंरजी लाल का परिवार पांच साल पहले तक गरीबों के लिए संचालित एकीकृत ग्रामीण विकास कार्यक्रम (आइआरडीपी) में था।
लाखों की संपत्ति का मालिक बना चिट्टा तस्कर
अब उसके पास गाड़ियां व सुविधाओं से सुसज्जित घर है। काम के नाम पर सिर्फ टैक्सी चलाता है, ऐसे में अब पुलिस इसकी संपत्ति की भी जांच करेगी। दूसरा आरोपित राजमल भी लाखों रुपये की संपत्ति का मालिक बन गया है, वह फोटोग्राफी के साथ छोटी-मोटी ठेकेदारी करता है। चिरंजी पहले ही 14 ग्राम चिट्टे के मामले में गिरफ्तार हुआ था और जमानत पर था, लेकिन इसने चिट्टा तस्करी नहीं छोड़ी।
288 ग्राम के साथ पकड़े गए ये चिट्टा तस्कर
चिरंजी पद्धर का मुख्य सप्लायर था। गांव राष्ट्रीय राजमार्ग से दूर होने के कारण दो बार पुलिस को चकमा दे चुका था। ये दोनों शनिवार रात मंडी-पद्धर-जोगेंद्रनगर मार्ग पर खलियार में 288 ग्राम चिट्टे के साथ मंडी पुलिस की पकड़ में आए।
टैक्सी चलाता था चिट्टा तस्कर
चिरंजी लाल गांव गैल डाकघर उरला व सहयोगी राजमल गांव सरवाला डाकघर गवाली तहसील पद्धर जिला मंडी के पास से साल की अब तक की सबसे बड़ी खेप पकड़ी है। चिरंजी पहले मनाली में टैक्सी चलाता था। वहां से चरस लाकर पद्धर में बेचता था। चिट्टे से अधिक कमाई होने का पता चला तो चिट्टा तस्करी शुरू कर दी, जिससे करोड़ों रुपये कमा लिए। वह युवाओं को घर और अन्य ठिकानों पर एक या दो ग्राम चिट्टा देता था।
मां रह चुकी है प्रधान
चिरंजी के पिता की मृत्यु उसके बचपन में ही हो गई। उसके बाद मां ने पाला। कुछ समय तक मां गांव की प्रधान भी रहीं। पुलिस हर एंगल से जांच कर रही है। मुख्य आरक्षी भानु प्रताप की अगुआई में मंडी थाना की टीम ने गुप्त सूचना के आधार पर खलियार में नाका लगाया था। शनिवार रात करीब 10 बजे इटियोस गाड़ी (एचपी 76-2450) को जब जांच के लिए रोका गया तो 288 ग्राम चिट्टा बरामद हुआ।
चिट्टा की तस्करी पर लगेगी रोक
पुलिस ने दोनों के खिलाफ मामला दर्ज कर आगामी कार्रवाई आरंभ कर दी है। इस कामयाबी से मंडी के आसपास के इलाकों में चिट्टा की बढ़ती तस्करी पर रोक लगेगी। पुलिस ने दोनों को अदालत में पेश किया जहां से तीन दिन के पुलिस रिमांड पर भेजा है। इनकी संपत्तियों की भी जांच होगी।