हत्यारे की मौत की सजा पर मुहर: पत्नी और बच्चों को गंडासी से काट डाला था
हत्यारे की मौत की सजा पर मुहर: पत्नी और बच्चों को गंडासी से काट डाला था, हाईकोर्ट ने कहा- ये शैतानी कृत्य
हाईकोर्ट ने मामले में सुनवाई करते हुए कहा कि अपनी पत्नी और मासूम बच्चों को गंडासी से काट देना निश्चित रूप से शैतानी कृत्य है और इस घटना ने पूरे समाज को झकझोर कर रख दिया। यदि कोई डकैत भी होता तो नाबालिग मासूम बच्चों को इस प्रकार न मारता लेकिन इस मामले में एक पिता ने ही ऐसा कर डाला।
पत्नी, साली व दो बच्चों को गंडासी से काटने वाले व्यक्ति के कृत्य को शैतानी करार देते हुए पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने उसकी मौत की सजा पर मुहर लगा दी है। कपूरथला की अदालत ने मौत की सजा सुनाते हुए डेथ रेफरेंस हाईकोर्ट भेजा था जिसे हाईकोर्ट ने मंजूर कर लिया है।
कपूरथला पुलिस ने 29 नवंबर, 2013 को चार लोगों की हत्या के मामले में शिकायत मिलने पर एफआईआर दर्ज की थी। पुलिस ने जांच में पाया कि बलजिंदर सिंह की पत्नी अपने दो बच्चों के साथ अपने मायके में रह रही थी। जिस दिन उसकी पत्नी व बच्चों की हत्या की गई उस दिन उसे भी गंभीर चोट लगी थी लेकिन वह इसका कारण बताने में नाकाम रहा। ऐसे में पुलिस ने उसे आरोपी बनाते हुए ट्रायल कोर्ट में रिपोर्ट पेश की थी।
इस मामले में बलजिंदर सिंह की सास, उसका साला व एक बच्चा गवाह बना। पुलिस ने बताया कि बलजिंदर सिंह का उसकी सास से 35 हजार रुपये को लेकर विवाद था। यह विवाद इतना बढ़ गया कि उसकी पत्नी अपने बच्चों को साथ लेकर मायके चली गई। पुलिस की थ्योरी पर कपूरथला की अदालत ने बलजिंदर सिंह को दोषी मान कर मौत की सजा सुनाई थी और इसे मंजूर करने के लिए हाईकोर्ट भेज दिया।
हाईकोर्ट ने मामले में सुनवाई करते हुए कहा कि अपनी पत्नी और मासूम बच्चों को गंडासी से काट देना निश्चित रूप से शैतानी कृत्य है और इस घटना ने पूरे समाज को झकझोर कर रख दिया। यदि कोई डकैत भी होता तो नाबालिग मासूम बच्चों को इस प्रकार न मारता लेकिन इस मामले में एक पिता ने ही ऐसा कर डाला। इस प्रकार के कृत्य का दोषी किसी भी प्रकार के रहम का हकदार नहीं है। ऐसे में हाईकोर्ट ने डेथ रेफरेंस मंजूर करते हुए मौत की सजा पर मुहर लगा दी।