सरकार कब निकलेगा समाधान: छात्रों को नहीं मिल रहीं एनसीईआरटी की नई किताबें, अभभावक हुए परेशान
छात्रों को नहीं मिल रहीं एनसीईआरटी की नई किताबें,
राजधानी में नए शैक्षणिक सत्र 2024-2025 के शुरु होने के साढ़े तीन माह बाद भी छात्रों को बाजारों में राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) की पुस्तकें नहीं मिल रही हैं। इसका खामियाजा छात्रों को निजी प्रकाशकों की पुस्तकें खरीद कर चुकाना पड़ रहा है।
ऐसे में अभिभावक निजी स्कूलों व निजी प्रकाशकों से अधिक कीमत पर पुस्तकें खरीदने को मजबूर हैं। जोकि निजी प्रकाशकों की पुस्तकें एनसीईआरटी की अपेक्षा महंगी है। वहीं, इससे अभिभावकों की जेब पर भी बोझ पड़ रहा है। यही नहीं, पुस्तकें न होने के चलते कई छात्रों का सिलेबस भी पीछे छूट रहा है। नई सड़क, दरियागंज, सदर बाजार, नजफगढ़, लक्ष्मी नगर समेत कई बाजार में एनसीईआरटी की किताबें अभी तक उपलब्ध नहीं हैं।
इस वजह से छात्रों और अभिभावकों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। स्कूलों में पढ़ाई शुरू होने के कारण अभिभावकों को मजबूरीवश महंगी किताबें ही खरीदनी पड़ रही हैं। वहीं, निजी स्कूल निजी प्रकाशकों की पुस्तकें लगा रहे हैं। जहां पहले से ही एनसीईआरटी के मुकाबले निजी प्रकाशकों की किताबें दो से तीन गुना महंगी हैं। वहीं, इस वर्ष 5 से 10 प्रतिशत कीमत बढ़ी हैं। पुस्तक विक्रेताओं ने दावा किया कि एनसीईआरटी की आरंभिक योजना सभी ग्रेड के लिए नई किताबों को लाना था।
हालांकि, बाद की एक घोषणा में स्पष्ट किया गया कि कक्षा 6 से आगे की कक्षाओं में मौजूदा करिकुलम जारी रहेगा। अभिभावकों का कहना है कि आमतौर पर हर वर्ष जून या जुलाई में नए सत्र की पुस्तकें बाजार में आ जाती हैं। लेकिन, इस वर्ष यह जुलाई के आधे से अधिक बीत जाने के बाद भी बाजार में नहीं आ सकी हैं।
जेब पर पड़ रहा असर
नई सड़क में एनसीईआरटी की पुस्तक खरीदने पहुंची काजल गहलोत ने बताया कि उनकी बेटी छठीं कक्षा में पढ़ती हैं। स्कूल खुल चुके हैं, लेकिन पुस्तकें बाजार में नहीं हैं। इसके चलते निजी प्रकाशन से किताबें खरीदना मजबूरी है। इससे तीन गुना जेब पर असर पड़ा है। वह कहती हैं कि छठी कक्षा कि इतिहास की जो पुस्तक एनसीईआरटी की 40 से 60 रुपये की है।
जबकि निजी प्रकाशक की वही पुस्तक 180 से 200 रुपये तक है। जहां किफायती दामों पर एनसीईआरटी किताबें मिल जाती हैं। वहीं, आरके पुरम में रहने वाले एक अभिभावक विवेक कुमार ने बताया कि उनकी बेटी निजी स्कूल में पढ़ती है। स्कूल प्रशासन द्वारा निजी प्रकाशकों की किताबें खरीदने के लिए कहा है।
नए सेट के लिए दिया है ऑर्डर
दरियागंज स्थित पुस्तक विक्रेता दीपक गुप्ता ने बताया कि पुराने सत्र की एनसीईआरटी की किताबें थीं। जो कि बिक चुकी हैं। नए सेट के लिए ऑर्डर दिया हुआ है, लेकिन अभी तक नहीं आ सकी हैं। उन्होंने बताया कि एनसीईआरटी की अपेक्षा निजी प्रकाशकों की पुस्तकें महंगी आती हैं। कक्षा नौ से 12 की एनसीईआरटी की पुस्तकों का सेट 600 से 1000 रुपये तक आ जाता है। निजी प्रकाशकों की पुस्तकों का सेट 2000-2500 रुपये तक मिल रहा है। इनमें भी भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान, जीव विज्ञान, गणित, अंग्रेजी आदि की किताबें अधिक महंगी हैं।