Bihar Assembly Winter Session LIVE : हंगामे के बीच बिहार विधानसभा 2 बजे तक के लिए स्थगित

Bihar Assembly Winter Session LIVE : हंगामे के बीच बिहार विधानसभा 2 बजे तक के लिए स्थगित, सीएम नीतीश के बयान पर बीजेपी विधायकों का प्रदर्शन
Bihar Assembly Winter Session बिहार विधानसभा सत्र का आज आखिरी दिन है। गुरुवार को सदन से आरक्षण संशोधन विधेयक पारित हो चुका है। तीन दिन पहले इसे नीतीश कैबिनेट ने मंजूरी दी थी। गुरुवार को सदन में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गंदी बात वाले बयान पर जोरदार हंगामा हुआ था।
बिहार विधानसभा शीतकालीन सत्र का आज (शुक्रवार को) पांचवां और आखिरी दिन है। गुरुवार को हुए हंगामे और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के जीतन राम मांझी को लेकर दिए बयान की वजह से लगातार हंगामा जारी है। इस हंगामे के चलते विधानसभा की कार्यवाही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित हो गई है।
पूर्व सीएम जीतन राम मांझी आज सीएम नीतीश कुमार के खिलाफ धरना दे रहे हैं। बता दें कि गुरुवार को विधानसभा से आरक्षण संशोधन बिल पारित कर दिया गया था। इस दौरान हुई चर्चा में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा था कि मेरी गलती की वजह से मांझी सीएम बने।
सोमवार से शुरू हुआ विधानसभा का शीतकालीन सत्र काफी हंगामेदार रहा है। नीतीश सरकार की ओर से जाति आधारित गणना की रिपोर्ट सदन में पेश की है।
इसके आंकड़ों को लेकर विपक्ष ने हंगामा किया। सदन में चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रजनन दर को लेकर बयान दिया। सीएम के इस बयान पर विपक्ष ने उन्हें घेरा।
सदन में कुर्सियां तक चलीं। मामला राष्ट्रीय महिला आयोग तक पहुंच गया। यहां तक कि देश-विदेश में भी सीएम नीतीश कुमार के बयान की निंदा हुई।
इसके बाद सरकार ने आरक्षण का दायरा बढ़कर 75 फीसदी करने वाला संशोधन विधेयक हंगामे के बीच सदन से पारित कराया।
मांझी पर नीतीश के बयान से चढ़ा सियासी पारा
आरक्षण बिल पर ही बहस के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हम पार्टी के प्रमुख जीतन राम मांझी पर जमकर हमला बोला था।
नीतीश ने यहां तक कह दिया कि मांझी को मुख्यमंत्री बनाना उनकी मूर्खता थी। अब विपक्ष ने इसे मुद्दा बनाकर नीतीश कुमार को घेरना शुरू कर दिया है।
दलित नेता होने की वजह से मांझी को इसमें भाजपा का भी साथ मिल रहा है। करीब-करीब सभी भाजपा नेताओं ने मांझी को लेकर दिए गए नीतीश कुमार के बयान की निंदा की है।
इधर, गुरुवार को विधानसभा और विधान परिषद में भी आसन की ओर से सदन के सदस्यों को मर्यादा का पालन करने और असंसदीय शब्दों को उपयोग नहीं करने की हिदायत दी गई थी।